tag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post6100008091259206117..comments2023-10-23T06:14:43.811-07:00Comments on mridula's blog: कहते हैं माँ-बाप आजकल......mridula pradhanhttp://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-37185745473704714492012-12-30T23:49:44.431-08:002012-12-30T23:49:44.431-08:00बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-26071874635342839772012-12-30T01:58:35.110-08:002012-12-30T01:58:35.110-08:00सही कहा है ...सही कहा है ...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-70959287174839899422012-12-29T20:38:37.301-08:002012-12-29T20:38:37.301-08:00मृदुला जी,
याद है न वो कहानी जहाँ अदालत में फाँसी ...मृदुला जी,<br />याद है न वो कहानी जहाँ अदालत में फाँसी की सज़ा मिलने पर एक लड़का अपनी अंतिम इच्छा यह बताता है कि उसे उसकी माँ के कान में कुछ कहना है. और माँ के कान में कहने के बजाए उसके कान काट लेता है यह कहते हुए कि अगर तुमने एक पेन्सिल चुराने पर थप्पड़ मारा होता तो आज मैं फाँसी के फंदे तक नहीं पहुंचता. <br />माँ बाप की आँखें खोलने वाली कविता!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-75748043335814852342012-12-28T22:27:16.093-08:002012-12-28T22:27:16.093-08:00अच्छी रचना
बहुत सुंदरअच्छी रचना<br />बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/18051207879771385090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-38971315711935102582012-12-28T20:23:28.389-08:002012-12-28T20:23:28.389-08:00सटीक रचना सटीक रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-64933514707454888742012-12-28T09:03:22.006-08:002012-12-28T09:03:22.006-08:00सच को बयान करती पोस्ट
सच को बयान करती पोस्ट<br />sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-31088842619763703002012-12-28T05:29:10.197-08:002012-12-28T05:29:10.197-08:00इसी उम्र में बच्चों को अच्छे संस्कारों को देने आवश...इसी उम्र में बच्चों को अच्छे संस्कारों को देने आवश्कता है,,,,, <br />========================================<br />recent post <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/12/blog-post_6581.html#links" rel="nofollow">: नववर्ष की बधाई</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-82829381526486527752012-12-28T04:01:20.214-08:002012-12-28T04:01:20.214-08:00बस ..यही संस्कार तो लुप्त होते जा रहे हैं बच्चों म...बस ..यही संस्कार तो लुप्त होते जा रहे हैं बच्चों में..केवल स्मार्टनेस ही बची है.shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-13900408868665731442012-12-28T00:31:10.124-08:002012-12-28T00:31:10.124-08:00प्यार से
थपथपाते हैं.
नहीं समझते औरों की
कसमसाहट
ज...प्यार से<br />थपथपाते हैं.<br />नहीं समझते औरों की<br />कसमसाहट<br />जब नई बिछी<br />कालीन पर,<br />बच्चे चाय छलकाते हैं,<br />वे समझते हैं<br />ये सारी खुराफ़ातें<br />बच्चों की होशियारी में,<br />चार चाँद लगाते हैं.<br /> <br />माँ बाप को आइना दिखाती और सच को बयान करती पोस्ट Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-88277593724026559002012-12-27T23:46:29.419-08:002012-12-27T23:46:29.419-08:00यही सब इन्हें लापरवाह बना देता है, संस्कार घर - पर...यही सब इन्हें लापरवाह बना देता है, संस्कार घर - परिवार से ही आते हैं, बच्चे परिवार का आईना होते हैं... <br />संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5075188716546942836.post-20395399753443987862012-12-27T22:50:05.154-08:002012-12-27T22:50:05.154-08:00यहीं से शुरू हो जाती है व्यवहार में अराजकता आनी .....यहीं से शुरू हो जाती है व्यवहार में अराजकता आनी ... सार्थक विचार संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com