something for mind something for soul.
बहुत सही.. किसी भावुक क्षण में लिखा है आपने
बहुत अच्छी अभिव्यक्ति,सुंदर भावनात्मक रचना,...मृदुला जी,..बहुत दिनों से मेरे पोस्ट पर नही आई,आइये स्वागत है MY RECENT POST ...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
महसूस करना... सर्वोत्तम!वाह!
रहता है कुछ मनन के लिए , रहता है कुछ सन्नाटे में विचरने के लिए ....
भावपूर्ण..कलमदान
मृदुला जीनमस्कार !!....बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर भावुक रचना पढ़ने को मिली!
बिलकुल ही सही कहा आपने!...आप से सहमत हूँ!
मृदुला जी,बहुत सही कहा आपने। सच तो यही है...भावपूर्ण व बढिया रचना के लिये बधाई।
कुछ समझने-सोचने,कुछ सहने-भोगने,कुछ महसूस करने के लिएहोता है.....!bas itna hi to.....
सचमुच....................महसूस करें तभी ना कहेंगे.....लिखेंगे और सुन पायेंगे........बहुत सुंदर भाव
बिल्कुल सही कहा है आपने ...
Aap theek kah rahee hain,lekin kabhi,kabhi na kahne se bhee bada dukh hota hai!
ye sach hi kaha hai aapane aur sab yahi to karte hain. sundar dhang se prastut kee hai ye bat .
महसूसने से ही तो आत्मसात करने की ओर बढ़ा जा सकता है।
महसूस करना ज्यादा ज़रूरी है.
जी बिलकुल सही कहा आपने सब कुछ कहने के लिए नही होता......
लेकिन जो लिखा नहीं जा सकता, उस सुख को भोगने अनुभव करने को जरूर लिखा जाना चाहिए।
सही है, महसूस करके ही लिखा जा सकता है...
बिलकुल सही ....
वाकई ...सहमत हूँ आपसे शुभकामनायें आपको .
वाकई सब कुछ कहने, पढने और लिखने के लिये नही होता
वाकई...सहना-भोगना ज़रूरी है...गहरी बात कहने के लिए...
इनका सुखकहने,लिखने,पढने सेकहीं, बड़ा है.sahi bat...
बहुत सुंदर भाव
कुछ समझने-सोचने,कुछ सहने-भोगने,कुछ महसूस करने के लिएहोता है....EK SHASHWAT SATYA.
अक्सर इसका अहसास बोलने..लिखने...पढने के बाद ही होता है ...
महसूस करने से ज्यादा प्रभावी कुछ भी नहीं, बधाई.
उत्कृष्ट प्रस्तुति,शुभकामनाएं , कृपया अवलोकन करे ,मेरी नई पोस्ट ''अरे तू भी बोल्ड हो गई,और मै भी''
बिल्कुल सही
sach kaha ,shubhakaamanaayen
sach hai mridula ji
बहुत सच कहा है...
बहुत बढ़िया प्रस्तुति, सच्चाई व्यक्त करती बेहतरीन रचना,...MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
बहुत सही.. किसी भावुक क्षण में लिखा है आपने
ReplyDeleteबहुत अच्छी अभिव्यक्ति,सुंदर भावनात्मक रचना,...
ReplyDeleteमृदुला जी,..बहुत दिनों से मेरे पोस्ट पर नही आई,आइये स्वागत है
MY RECENT POST ...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....
महसूस करना... सर्वोत्तम!
ReplyDeleteवाह!
रहता है कुछ मनन के लिए , रहता है कुछ सन्नाटे में विचरने के लिए ....
ReplyDeleteभावपूर्ण..
ReplyDeleteकलमदान
मृदुला जी
ReplyDeleteनमस्कार !!
....बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर भावुक रचना पढ़ने को मिली!
बिलकुल ही सही कहा आपने!...आप से सहमत हूँ!
ReplyDeleteमृदुला जी,
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने। सच तो यही है...
भावपूर्ण व बढिया रचना के लिये बधाई।
कुछ समझने-सोचने,
ReplyDeleteकुछ सहने-भोगने,
कुछ महसूस करने के लिए
होता है.....!
bas itna hi to.....
सचमुच....................
ReplyDeleteमहसूस करें तभी ना कहेंगे.....लिखेंगे और सुन पायेंगे........
बहुत सुंदर भाव
बिल्कुल सही कहा है आपने ...
ReplyDeleteAap theek kah rahee hain,lekin kabhi,kabhi na kahne se bhee bada dukh hota hai!
ReplyDeleteye sach hi kaha hai aapane aur sab yahi to karte hain. sundar dhang se prastut kee hai ye bat .
ReplyDeleteमहसूसने से ही तो आत्मसात करने की ओर बढ़ा जा सकता है।
ReplyDeleteमहसूस करना ज्यादा ज़रूरी है.
ReplyDeleteजी बिलकुल सही कहा आपने सब कुछ कहने के लिए नही होता......
ReplyDeleteलेकिन जो लिखा नहीं जा सकता, उस सुख को भोगने अनुभव करने को जरूर लिखा जाना चाहिए।
ReplyDeleteसही है, महसूस करके ही लिखा जा सकता है...
ReplyDeleteबिलकुल सही ....
ReplyDeleteवाकई ...सहमत हूँ आपसे
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको .
वाकई सब कुछ कहने, पढने और लिखने के लिये नही होता
ReplyDeleteवाकई...सहना-भोगना ज़रूरी है...गहरी बात कहने के लिए...
ReplyDeleteइनका सुख
ReplyDeleteकहने,लिखने,पढने से
कहीं,
बड़ा है.sahi bat...
बहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteकुछ समझने-सोचने,
ReplyDeleteकुछ सहने-भोगने,
कुछ महसूस करने के लिए
होता है....
EK SHASHWAT SATYA.
अक्सर इसका अहसास बोलने..लिखने...पढने के बाद ही होता है ...
ReplyDeleteमहसूस करने से ज्यादा प्रभावी कुछ भी नहीं, बधाई.
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति,शुभकामनाएं
ReplyDelete, कृपया अवलोकन करे ,मेरी नई पोस्ट ''अरे तू भी बोल्ड हो गई,और मै भी''
बिल्कुल सही
ReplyDeletesach kaha ,shubhakaamanaayen
ReplyDeletesach hai mridula ji
ReplyDeleteबहुत सच कहा है...
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति, सच्चाई व्यक्त करती बेहतरीन रचना,...
ReplyDeleteMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...