Thursday, July 6, 2017

उम्र ..

मैं ..
जगह-जगह
बिताये हुये समय की
एक लम्बी
फ़ेहरिस्त बनाती गयी..
और ..
इस जोड़ -घटाव
गुणा-भाग के
हिसाब -किताब में
उम्र , खरीद-फ़रोख्त
करती हुई
चुपचाप निकलती गयी..

Saturday, July 1, 2017

..और तुम्हारी याद आयी है

आज बगीचे के उस कोने में
कुछ पीले
फूल खिले हैं ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज आसमानों को छूता
चिड़ियों का
एक झुण्ड उड़ा है..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज हवा के साथ
बड़ी मीठी सी
कोई गंध उड़ी है ..और
तुम्हारी याद आयी है ..