आज बगीचे के उस कोने में
कुछ पीले
फूल खिले हैं ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज आसमानों को छूता
चिड़ियों का
एक झुण्ड उड़ा है..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज हवा के साथ
बड़ी मीठी सी
कोई गंध उड़ी है ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
कुछ पीले
फूल खिले हैं ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज आसमानों को छूता
चिड़ियों का
एक झुण्ड उड़ा है..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज हवा के साथ
बड़ी मीठी सी
कोई गंध उड़ी है ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
सुनहरी यादों की दुनियाँ बेहद खूबसूरत होती है
ReplyDeleteअंतरराष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉग दिवस पर आपका योगदान सराहनीय है :)
अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें .... #हिन्दी_ब्लॉगिंग
ReplyDeleteआज तो सबको अपने ब्लॉग की याद आई है... :)
ReplyDeleteप्रकृति के कोमल अवयव और प्रिय-स्मरण : एक-से! आभार।
ReplyDeleteकोमल और सुंदर कविता
ReplyDeleteशुभकामनाएं
प्रणाम आदरणीया
ReplyDeleteसुंदर मनोभावों से आप्लावित कविता
अच्छा लगा पढ़ कर
साधुवाद
आज इक अरसे बाद
ReplyDeleteसभी ने ब्लॉग की गलियों में देखा है
आज पुराने चेहरों को फिर
हैलो कहा है
इतने दिन से भूले बिसरे
ब्लॉग की हमको याद आई है!
बहुत सुन्दर मृदुला दी!!