नारी के उत्थान ,अधिकार और सुरक्षा के लिए ज़रूरी है कि पुरुष को साथ लेकर चला जाये न कि उनके ख़िलाफ़ सिर्फ़ आंदोलन करते हुये...... नारी विमर्श से उठी समस्याओं का समाधान विरोध में नहीं,बात-चीत में है,यहीं से सकारात्मक वातावरण निकलेगा......जिसकी हमें तलाश है........
एक बार पहले भी मैंने कहा था कि "नश्वर" शब्द में "वर" पुरुष मानसिकता का सूचक है जैसे प्रश्न उठाना बन्द नहीं होते, और स्वयम की श्रेष्ठता (जबकि इसकी आवश्यकता नहीं - दोनों श्रेष्ठ हैं) को सिद्ध करने के लिये बड़ी लाइन को काटने के स्थान पर छोटी लाइन को बड़ा करने का प्रयास न किया जाए, वह वातावरण नहीं बनेगा जिसकी 'उन्हें' तलाश है.
ReplyDeleteसहमत हूँ , मंगलकामनाएं !!
ReplyDeleteक्या बात है...
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