Friday, August 29, 2014

कभी घड़ी की ओर……

कभी घड़ी की ओर 
बिना देखे 
सो जाऊँ,दिल 
करता है……पर
दिमाग की घड़ी  
जोर से 
टिक-टिक 
करने लगती है.……. 
और पकड़ कर बाँह  
खींच 
मजबूती से,
बैठा देती है …….  

3 comments:

  1. भीतर की घड़ी ज्यादा बलशाली है

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  2. भीतर की टिक टिक अपने को ही सुनायी देती हैं। .
    बहुत सुन्दर

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