'सन्डे' की सुबह, 'पॉश-कॉलोनी' की
'बालकनी' में…… जो एक
लम्बा सन्नाटा
बिछ जाता है……
शनिवार की रात का
'साइड-इफेक्ट'
साफ नज़र आता है.
ग्यारह-बारह बजे
हाफ-पैंट धारी 'डैडी' 'पेपर' लिए
केन की कुर्सी पर
फैल जाते हैं……
बड़े-बड़े फूलों वाली
खूबसूरत 'नाइटी' पहने
घर की गृहणी,
बाहर आती है.......
चाय-दूध,बिस्किट,
फल-वल,जाने क्या-क्या
'ट्राली' पर,आया
लाती है....... गृहणी
मुस्कुराती है……
डालती है कपों में
'स्टाइल' से,चाय-दूध,
नफ़ासत की हद तक,
शक्कर मिलाती है....... और
मेरी जिज्ञासा
बढ़ती चली जाती है……कि
आखिर
ये लाम-काफ की चाय
कैसी होती है?
इस 'साइड-इफेक्ट' का
'आफ्टर-इफेक्ट' तो देखिये,
मेरी अपनी गरम चाय,
बिना पीये,बेवज़ह
ठंढ़ी हो जाती है.......
😄😄😄 साइड इफेक्ट ज़बरदस्त है । अगले संडे चाय पीने के बाद जायज़ा लीजिएगा ।
ReplyDeleteआभार
Deleteनायाब !!
ReplyDeleteआभार
Deleteआभार
Deleteआपकी लिखी रचना सोमवार 13 जून 2022 को
ReplyDeleteपांच लिंकों का आनंद पर... साझा की गई है
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
संगीता स्वरूप
धन्यवाद
Deleteसाइड इफेक्ट पढ़ने का साइड इफेक्ट स्माइल।
ReplyDeleteप्यारी सी रचना।
सादर।
व्वाहहहहह
ReplyDeleteसादर..
वाह!!!
ReplyDeleteगजब का साइड इफेक्ट...
वाह-वाह😃
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDeleteवाह... प्यारी सी मुस्कान पाठक के चेहरे पर सजती जरूर होगी
ReplyDeletenice info!! can't wait to your next post!
ReplyDeletegreetings from malaysia