स्वतंत्रता स्त्री और पुरुष दोनों के लिये बेहद ज़रूरी है इसमें कोई शक नहीं ..लेकिन उनके लिये यह समझना भी उतना ही ज़रूरी है कि..स्वतंत्रता एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी है ..अपने प्रति , परिवार के प्रति , समाज के प्रति और अंततः देश के प्रति ..स्वतंत्रता अपने आप में एक बहुत ही शक्तिशाली आचरण है ..यहाँ “ मेरी मर्ज़ी “ ही सब कुछ नहीं बल्कि इसके अलावा भी बहुत कुछ है जिसपर सबको शत-प्रतिशत खड़ा उतरना है ..खासकर युवा पीढ़ी को और इसी सोच को लेकर आगे चलना है ..
विचारणीय पोस्ट
ReplyDeleteशब्दशः सहमत !!
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