लिव-इन रिलेशनशिप तो है ही एक ग़ैरज़िम्मेदार अवैध रिश्ता . इसका हश्र कितना बुरा हो सकता है इसका अन्दाज़ होते हुये भी अगर युवा पीढ़ी इसमें खुद को ले जाती है तो फिर इतनी हाय-तौबा क्यों ? स्वतंत्रता एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी है .. खुद के लिये,परिवार के लिये और समाज के लिये . इसीलिये खूब सोच-विचार करने के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिये . स्त्री हो या पुरुष उन्हें यह समझना ज़रूरी है कि स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ़ “ मेरी मर्ज़ी “ नहीं होता बल्कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दायित्व है . आधुनिकता की होड़ में युवा पीढ़ी अन्धाधून एक भेड़चाल में शामिल होने लगी है , इसके परिणाम को अनदेखा करते हुये . समय रहते उनकी आँखें खुल जायें तो सबसे ज़्यादा भला तो उनका ही होगा , भगवान उन्हें सदबुद्धि दें..
बिल्कुल सही कहा आपने ।
ReplyDeleteस्वतंत्रता को सोच समझ कर ही उपयोग में लाना चाहिए ।
आपका पुनः ब्लॉग पर सक्रिय होने अच्छा लगा । अब निरंतरता बनाये रखियेगा ।
आभार..
Deleteआभार..
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