Thursday, September 13, 2012

एक आम गृहणी का, एक आम दिन.......

एक आम गृहणी का, एक आम दिन.......

कभी प्लेट और कभी 
थाली में,
कभी चेन और कभी 
बाली में,
कभी 'स्वीपर' में,कभी 
माली में,
तो.....कभी चाय की 
प्याली में.
कभी परदों में ,कभी 
कभी नाली में,कभी 
फूलों में, कभी 
डाली में 
या फिर......
खिड़की की जाली में.
कभी मिर्च-मसाले,
नमक-तेल,
चावल,रोटी की 
टोली में,
कभी स्कूलों की 
भाग-दौड़,
'कालेज' की हँसी 
ठिठोली में.
कभी दही,दूध और 
छाली में,कभी  
भीड़ 
और कभी ख़ाली में,
कभी प्रत्युष की 
उजियाली में,
कभी गोधूली की 
लाली में........

24 comments:

  1. मगर असली रूप तो है सुहाग की लाली में.. मांग का चमकता सिन्दूर हो या माथे की बिंदिया और फिर उस लाली में जिसे देखकर वो कहे.. लाली मेरे लाल की!!
    बहुत सुन्दर रचना हमेशा की तरह!!

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  2. यही कमी , यही एहसास , यही दीवानगी हमें रिश्तों से जोड़े रखता है .

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  3. बहुत सुन्दर.......
    और सलिल जी की टिप्पणी भी सुन्दर....

    सादर
    अनु

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  4. bahut sundar mridula ji aapne to sab kuch sahi sahi byan kar di

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  5. चाय पीने में मजा न आता,अगर प्याली और प्याले न होते,
    ससुराल का मजा न आता ,अगरचे साली और साले न होते,,,,,,

    RECENT POST -मेरे सपनो का भारत

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  6. बहुत सुंदर व्याख्या!!
    सलिल जी की टिप्पणी बहुत अच्छी है|

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  7. सुन्दर अभिव्यक्ति....

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  8. बहुत सुन्दर रचना...अपनी सी लगी...
    हिंदी दिवस की शुभकामनाये...

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  9. बहुत खूब ...हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  10. बहुत सुंदर पंक्तियाँ

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  11. बहुत सुन्दर रचना..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

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  12. इतनी व्यस्तता के बाद में भी....उसका सबसे कीमती समय ...घर भर की खुशहाली में !

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  13. http://vyakhyaa.blogspot.in/2012/09/blog-post_15.html

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    Replies
    1. waah mradula ji aapki rachnaye sada wah ukerti hai jo naari ke vibhinn roop hote hai har baar ek naya andaj milta hai yahan .:)) sundar post

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  14. और दिन पूरा बीत गया .... बहुत खूब

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  15. बहुत खूब....
    नित नूतन...
    हर पल नूतन....!!

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  16. देर से आने के लिए क्षमा प्रार्थना ...बहुत सुन्दर कविता ...!!

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  17. तारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.

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  18. गृहणी के मन की व्यथा कथा और जीवन की धुरी का सटीक रेखांकन...... एक उत्कृष्ट रचना

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  19. ये भी खूब रही बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति

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