एक आम गृहणी का, एक आम दिन.......
कभी प्लेट और कभी
थाली में,
कभी चेन और कभी
बाली में,
कभी 'स्वीपर' में,कभी
माली में,
तो.....कभी चाय की
प्याली में.
कभी परदों में ,कभी
कभी नाली में,कभी
फूलों में, कभी
डाली में
या फिर......
खिड़की की जाली में.
कभी मिर्च-मसाले,
नमक-तेल,
चावल,रोटी की
टोली में,
कभी स्कूलों की
भाग-दौड़,
'कालेज' की हँसी
ठिठोली में.
कभी दही,दूध और
छाली में,कभी
भीड़
और कभी ख़ाली में,
कभी प्रत्युष की
उजियाली में,
कभी गोधूली की
लाली में........
मगर असली रूप तो है सुहाग की लाली में.. मांग का चमकता सिन्दूर हो या माथे की बिंदिया और फिर उस लाली में जिसे देखकर वो कहे.. लाली मेरे लाल की!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना हमेशा की तरह!!
यही कमी , यही एहसास , यही दीवानगी हमें रिश्तों से जोड़े रखता है .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.......
ReplyDeleteऔर सलिल जी की टिप्पणी भी सुन्दर....
सादर
अनु
bahut sundar mridula ji aapne to sab kuch sahi sahi byan kar di
ReplyDeleteचाय पीने में मजा न आता,अगर प्याली और प्याले न होते,
ReplyDeleteससुराल का मजा न आता ,अगरचे साली और साले न होते,,,,,,
RECENT POST -मेरे सपनो का भारत
बहुत सुंदर व्याख्या!!
ReplyDeleteसलिल जी की टिप्पणी बहुत अच्छी है|
सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteek swabhawik aam din
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...अपनी सी लगी...
ReplyDeleteहिंदी दिवस की शुभकामनाये...
बहुत खूब ...हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना..हिंदी दिवस की बहुत बहुत शुभकामनायें ...
ReplyDeleteइतनी व्यस्तता के बाद में भी....उसका सबसे कीमती समय ...घर भर की खुशहाली में !
ReplyDeletehttp://vyakhyaa.blogspot.in/2012/09/blog-post_15.html
ReplyDeletewaah mradula ji aapki rachnaye sada wah ukerti hai jo naari ke vibhinn roop hote hai har baar ek naya andaj milta hai yahan .:)) sundar post
Deleteaam grihani ko salam...:)
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteऔर दिन पूरा बीत गया .... बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteनित नूतन...
हर पल नूतन....!!
वाह! सुंदर कविता।
ReplyDeleteदेर से आने के लिए क्षमा प्रार्थना ...बहुत सुन्दर कविता ...!!
ReplyDeleteतारीफ के लिए हर शब्द छोटा है - बेमिशाल प्रस्तुति - आभार.
ReplyDeleteगृहणी के मन की व्यथा कथा और जीवन की धुरी का सटीक रेखांकन...... एक उत्कृष्ट रचना
ReplyDeleteये भी खूब रही बहुत ही बढ़िया प्रस्तुति
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