Monday, November 25, 2013

सोलवां साल.......यानि.......

सोलवां साल.......यानि 
एक जादू ,एक आकर्षण,
एक निमंत्रण.....
कुछ अलग सा मिजाज़........
तो मेरी बच्ची,
अब करनी होगी तुम्हें 
अपने ही
कदमों की पहरेदारी 
समझदारी से.....कि
दुनियादारी में 
प्रलोभन कम नहीं.
सशक्त मन से, 
उज्जवल भविष्य का 
आह्वान करना,
शालीनता से,विनम्रता से,
प्रभु का 
ध्यान करना,
कहना.......
तुम्हें विद्या,बुद्धि,विवेक से 
आभूषित के दें,
कहना........
तुम्हें धैर्य से,प्रेम से,विश्वास से 
आलोकित कर दें.........

Saturday, November 23, 2013

जाड़ों में प्रायः
दिख जाते हैं, वृद्ध-दंपत्ति, 
झुकी हुई माँ ,कांपते हुए
पिता.....धूप सेकते हुए.....
कभी 'पार्क'में,कभी
'बालकनी'में,
कभी 'लॉन' में
तो कभी'बरामदों' में.
मोड़-मोड़कर
चढ़ाये हुए 'आस्तीन'
और
खींच-खींचकर
लगाये हुए'पिन' में
दिख जाता है.......वर्षों से
विदेशों में बसे,
उनके धनाढ्य बाल-बच्चों का
भेजा हुआ,
बेहिसाब प्यार .
ऊल-जलूल ,पुराने,शरीर से
कई गुना बड़े-बेढंगे
कपड़ों का
दुःखद सामंजस्य,
सुदूर........किसी देश में
सम्पन्नता की
परतों में
लिपटी हुई नस्ल को,
धिक्कारती.......
ठंढ से निश्चय ही बचा लेती है,
इस पीढ़ी की सामर्थ्य को
संभाल लेती है........लेकिन
कृतघ्नता  के आघात की
वेदना का
क्या......
आपसे अनुरोध है......
इतना ज़रूर कीजियेगा,
कभी किसी देश में
मिल जाये वो नस्ल......तो
इंसानियत का कम-से कम
एक पर्चा,
ज़रूर
पढ़ा दीजियेगा.......... 

Wednesday, November 20, 2013

मेरी मदर इन लॉ कहती थीं……कि अपने ज़माने में वो पापड़ दाल में भिंगोकर खाती थीं ताकि बाहर उनके खाने की आवाज़ सुनायी न दे. सोचती हूँ ,तब की  औरतोँ में  संकोच और लज्जा का   कितना अलग रूप था……

Sunday, November 3, 2013

This book will be an indispensible read for students and scholars of political science and will also be of interest to general readers.

When the Saints Go Marching In’: The Curious Ambivalence of Religious Sadhus in Recent Politics in India 
Rajesh Pradhan

Price : 695.00
ISBN : 978-81-250-5269-2
Pages : 324
Binding : Hardback
Book Size : 140 x 216 mm
Year : 2013
Territorial Rights : World