कतय स्वतंत्रता-दिवस गेल,
झंडा क गीत
कतय सकुचायेल,
दृश्य सोहनगर,देखबैया
छथि
कतय नुकाएल.
लालकिला आर कुतुबमिनारक
के नापो ऊँचाई,
चिड़ियाघर जंतर-मंतर क
छूटल
आबा-जाही.
पिकनिक क पूरी-भुजिया
निमकी,दालमोट,
अचार,
कलाकंद,लड्डुक डिब्बा लय
मित्र,सकल परिवार.
कागज़ के छिपी-गिलास,
थर्मस में
भरि-भरि चाय,
दुई-चारि टा शतरंजी वा
चादर लिय
बिछाए.
ई सबहक दिन
बीति गेल
आब
'मॉल' आर 'मल्टीप्लेक्स',
दही-चुड़ा छथि मुंह
बिधुऔने,
घर -घर बैसल
'कॉर्न-फ्लेक्स'.
'कमपिऊटर' पीठी पर
लदने
मुठ्ठी में 'मोबाइल',
अपने में छथि
सब केओ बाझल
यैह नबका
'स्टाइल'