Tuesday, July 26, 2022

कारगिल से जुड़ी बात ..

 आज एक बार फिर कारगिल से जुड़ी ये घटना याद आ गयी ……लड़ाई एकदम घमासान चल रही थी . शाम में दिल्ली के  विलिंगटन हॉस्पिटल से  एक डॉक्टर साहब का फोन आया ,मेरे पति से बात करना चाह रहे थे . मेरे यह कहने पर कि इस समय वो घर पर नहीं हैं बेहद परेशान लगे सो मैं पूछ बैठी -'कोई खास बात है क्या ?' वे बोले- उनका भाई कारगिल में है ,कभी भी  कोई खबर आ सकती है ….  लेकिन उसके घर का फोन खड़ाब है. किसी भी तरह फोन ठीक करा दें यही रिक्वेस्ट करने के लिये फोन किया था क्योंकि आपके पति टेलेफोन विभाग में हैं …… मैं बोली आपका काम तो ज़रूर ही हो जाता लेकिन वे सरकारी काम के सिलसिले में विदेश गये हुए हैं . मन भाव-विह्वल  हो रहा था ,सोची कुछ तो करना ही है ,उनसे बोली -मैं अपनी ओर से कोशिश करके देखती हूँ . फोन रखने के बाद ,जहाँ तक मुझे याद है रात के 8-9 बजे होंगे ,टेलीफोन विभाग के एक-दो लोगों को फोन की और सारी  बातें बताकर आग्रह की…….  कि डॉक्टर साहब के भाई का फोन ,यथासंभव जल्दी ठीक करा दें ……सुबह-सुबह डॉक्टर साहब का फोन आया, धन्यवाद देते हुये बोले -भाई से बात भी हो गई……. और मैं इतनी खुश कि क्या बताऊँ ? इन खुशियों की न तो कोई कीमत होती है न ही इनका वर्णन किया जा सकता है……

8 comments:

  1. युद्ध जैसी आपदा में फ़ोन ख़बर आदान-प्रदान का एक प्रबल माध्यम होता है। कारगिल के शहीदों को नमन!

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  2. युद्ध के समय सैनिक सदस्य के परिवार वालों की चिंता महसूस कर सकते हैं । उस समय छोटी से छोटी मदद भी बहुत मायने रखती है । सच ऐसे मदद कर जो खुशी मिली होगी उसका अनुमान लगा रही हूँ ।
    प्रेरक संस्मरण ।

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  3. सचमुच ऐसी खुशियों को अभिव्यक्त करना मुश्किल है। अपनों की चिंता में विह्वल मन को सुकून पहुँचाना आत्मसंतोष से भर देता है।

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  4. सच हमें पढ़कर ही अत्यंत हर्ष हुआ।

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  5. युद्ध के समय में आशंकाओं और असुरक्षा के बीच सहयोग की भावना बहुत बड़ा संबल होती है प्राय सभी के लिए।और सच में इस तरह के माहौल में कोई भी अच्छा कार्य खुद को एक अद्भूत सन्तोष की अनुभूति कराता है।भावपूर्ण संस्मरण आदरणीया। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्।

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  6. वाकई बहुत खुशी और संतुष्टि हुई होगी।
    बहुत सुंदर संस्मरण।

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  7. नेकी एक ऐसी खुशबू है जो किसी के लिए करो तो अपने भी हाथ महक जाते हैं…बहुत खूब !

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