Saturday, September 3, 2016

नारी सशक्तिकरण ..

जहाँ एक ओर इतने ज़ोर-शोर के साथ नारी सशक्तिकरण की बातें होती हैं ..वहीं दूसरी ओर 
अखबार में लड़कियों के लिये वैवाहिक विज्ञापन देते समय हर शैक्षणिक योग्यता के बाबजूद complexion- fair,
Very fair और कभी-कभी तो milky white तक लिख देना ..
शादी के लिये लड़की ढूँढते समय हर गुण के ऊपर गोरे रंग को प्राथमिकता देना ..
गोरे होने के लिये ब्यूटिशियन के यहाँ तरह-तरह के उपचार करबाना..और 
बाज़ार में गोरे होने के लिये भाँति-भाँति के प्रसाधनों का मिलना और तेज़ी से उनकी खपत होना..
 क्या स्त्री को कमज़ोर नहीं बनाती है ? इस मानसिकता के साथ स्त्री सशक्त हो पाती है क्या ? 

5 comments:

  1. इसमें नारी का कोई दोष नहीं... यह समाज की दोगली मानसिकता का परिचायक है. यह सब बदलेगा, मैं अभी भी ऐसा मानता हूँ. आशावादी हूँ.

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    1. वर पक्ष की स्त्रियाँ गोरी बहु की लालसा रखती हैं..यह एक बहुत बड़ा दोष है और यह भी एक कारण है ..इस मानसिकता का ..

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (06-09-2016) को "आदिदेव कर दीजिए बेड़ा भव से पार"; चर्चा मंच 2457 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को नमन।
    शिक्षक दिवस और गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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