ये कविता मैं अपनी जिठानी को संबोधित करते हुए लिखी हूँ ......... इतनी सारी सच्चाई एक साथ
सुनकर वो बहुत भावुक हो गयीं ...............
कितनी बार सुनतीं हैं .......फिर सुनती हैं .........औरों को भी सुनाने के लिए कहती हैं और सुनते-सुनते कभी रो देतीं हैं तो कभी हंस देती हैं...........अपनी डायरी में भी रख ली हैं.......
तुम्हारे बिगडैल प्यार
ज़िद्दी दुलार
और
गुस्से से लबालब
आँखों के पीछे से,
उमड़ता हुआ
ममता का सैलाब,
सर से पांव तक,
भिगो देता है ........
पिघलते हुए शीशे की
तरह,
तुम्हारे गर्म मिजाज़ की
आँच में ,
मीठे झरने की
मदमस्त फुहार,
सुनायी पड़ती है.........
डरपोक मन की
परिधि से
निकलकर, जब
एकाएक
चाबुक उठा लेती हो,
आत्मीयता में नटखटपन
मिलाकर,बस
होश उड़ा देती हो,
दिल्ली ,बम्बई ,गोवा में
उधम मचाती हो,
पटना में बैठकर,
अमेरिका को हिलाती हो.....
चाय नहीं पीऊँ
तो शरबत मंगाती हो,
मिठाई को ना कहूं
तो
प्रसाद कहकर
खिलाती हो......
भावनाओं के जहाज से,
क्रोध के कबूतर
उड़ाती हो,
फूलों का रस
बिछाकर,
पलकों पर बिठाती हो,
जादू की छड़ी
घुमाकर,
मन से बांध लेती हो,
भगवान कृष्ण की
बहन हो,
स्नेह का बंधन
डाल देती हो.........
वाह ...यहां तो आपने भावनाओं का अनूठा संगम करा दिया है ..बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया।
ReplyDelete----
कल 12/10/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई स्वीकारें /
ReplyDeleteरिश्ते ऐसे ही गर्माहट में पकते हैं... सोंधे होते हैं.. सुन्दर कविता.
ReplyDeleteवाह ! आपकी जिठानी के बारे में पढ़कर जो चित्र बनता है बहुत मोहक है... गुस्से में भी जो प्यार छिपाए हों उन्हें हमारा भी प्रणाम!
ReplyDeleteबहुत खूब ! बहुत मनमोहक प्रस्तुति..
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति, बधाई
ReplyDeleteab aise post kisiko dedicate karoge to dil ko chhuyega hi....:)
ReplyDeletewah !!
बहुत सुन्दर!
ReplyDeleteइस प्यार को पाने के लिए लोग तप करते हैं ... मैं तो नतमस्तक हो गई इस ममता के आगे
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबधाई महोदया ||
जादू की छड़ी
ReplyDeleteघुमाकर,
मन से बांध लेती हो,
भगवान कृष्ण की
बहन हो,
स्नेह का बंधन
डाल देती हो......
क्या बात है मृदुला जी. बहुत ही सुन्दर कविता है. ऐसी कविता कौन न सहेजना चाहेगा?
बहुत ही अच्छी.....
ReplyDeletekitne log is pyaar ko samajh paate hain....??
ReplyDeletehats of to you and to her....
***punam***
bas yun...hi..
tumhare liye...
aalekh...
aap dono ka pyaar yunhi bana rahe....
ReplyDeleteस्नेह से बड़ा कोई नहीं .....
ReplyDeleteशुभकामनायें !
shaanadaar prastuti , sneh banaa rahe
ReplyDeletebahut hi shandaar prastuti..ye mamta hi to hai jo rishton ko ek atoot bandhan se jodti hai..sadar bahdayee aaur amantran ke sath
ReplyDeleterachna aur rishte ki khoobsurti padhkar man ko bahut achchha laga. itne pyare rishte virle hin kisi ko mil paate hain. kavita aur rishte yun hin sahaj man se jiyen, meri shubhkaamnaa hai.
ReplyDeletekitna pyar chhipa hai inmen.sundar.
ReplyDeletebhut hi kismatwali hain jo aisi jethani mili
ReplyDeletesbko nhi milti.thanks.
bahut hi sunder prastuti ......... pyar se bhari , sab aisi nahi hoti
ReplyDeleteपिघलते हुए शीशे की
ReplyDeleteतरह,
तुम्हारे गर्म मिजाज़ की
आँच में ,
मीठे झरने की
मदमस्त फुहार,
सुनायी पड़ती है.........
Very nice.MKTVFILMS
बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteबधाई ||
bahut achi rachna,badhai!
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति.
ReplyDeletebahut sundar...
ReplyDeleteऐसा प्रेम तो सभी को मिले, बहुत श्रेष्ठ अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteमनमोहक प्रस्तुति ......
ReplyDeleteतुम्हारे गर्म मिजाज़ की
ReplyDeleteआँच में ,
मीठे झरने की
मदमस्त फुहार,
सुनायी पड़ती है.........
काश मै आपकी जिठानी होती ........................ नही वे मुझसे कहीं अचछी हैं बता ही रही है ये कविता पर इच्छा पर तो कोई रोक नही है न ।
bahno sa pyar hai takrar hai dular hai sab kuchh kamal hai aapki kavita pdh kar man tak tript ho jati hoon
ReplyDeleterachana
आत्मीय संबंधों का भावात्मक दस्तावेज़ है यह भाव कविता .हम भी सहभावित हुए .याद आगया चाव से जुड़ा यह गीत -सासुजी ने भावे बाजरो ,सुसराजी ने हरियो पोदीना ,लुडजारे हरियो पोदीना ....संबंधों की आंच अब चुकने लगी है कहीं कहीं ही मिलता है यह जुड़ाव अपनापा .
ReplyDeletemamta aur pyar se bhigi hui bahut hi sunder rachna.
ReplyDeletebadhai
जेठानी का स्नेह छलक पड़ रहा है इस रचना में ..खूबसूरत भावों को सहेजा है
ReplyDeleteजादू की छड़ी
ReplyDeleteघुमाकर,
मन से बांध लेती हो,
भगवान कृष्ण की
बहन हो,
स्नेह का बंधन
डाल देती हो.........
वाह !!
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को दिवाली की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
स्वाभाविक है, वो जरूर भावुक होती होंगी इसे पढ़कर । बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteआपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ। मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है ।.दीपावली की शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteअभिव्यक्ति का यह अंदाज निराला है. आनंद आया पढ़कर.
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