Thursday, May 3, 2012

कि.....मैं तुम्हें......

मैं अपनी पलकों पर 
तुम्हारे 
इशारों के जाल 
बुनता हूँ......
तुम्हारे 
ख्वाबों की  उड़ान  में 
साथ-साथ 
उड़ता हूँ.......
सहेजता हूँ  तुम्हारी 
मिठास,
मन  के  कोने-कोने  में
कि.....मैं  तुम्हें
बेहद प्यार करता हूँ 

                                                                                                                                                                           

27 comments:

  1. madhur bhbbhini rachna .bhavvibhr kar gai.

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  2. waah..............

    is pyaar par pyaar aaya.....

    saadar.

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  3. वाह ...बहुत ही खूब ।

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  4. बहुत सुंदर सार्थक अभिव्यक्ति // बेहतरीन रचना //

    MY RECENT POST ....काव्यान्जलि ....:ऐसे रात गुजारी हमने.....

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  5. सहेजता हूँ तुम्हारी
    मिठास,
    मन के कोने-कोने में
    कि.....मैं तुम्हें
    बेहद प्यार करता हूँ
    प्यारी सी मीठी सी रचना...सादर

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  6. बहुत प्यारी अभिव्यक्ति

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  7. तुम्हारे
    ख्वाबों की उड़ान में
    साथ-साथ
    उड़ता हूँ.......
    when we love we fly,bend,as well as emergs.

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  8. वाह ॥कितने कोमल से एहसास ....

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  9. बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना |
    आशा

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  10. मीठी |
    सुन्दर प्रस्तुति ।

    आभार ।।

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  11. Chhoti-si magar behad pyari rachana!

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  12. आपकी रचनाएँ सुकोमल भावों से ओत-प्रोत होतीं हैं ...बहुत सुंदर रचना ...
    .इस बार आपको आमंत्रित कर रही हूँ अपनी रचना पढ़ने के लिए ...!
    अपने विचार ज़रूर दीजियेगा ....!!

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  13. इस पर अंग्रेजी में टिप्पणी देना चाहती हूं short and sweet :)

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  14. वाह बहुत खूब ......

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  15. बहुत खूब ... बयान करने का अंदाज़ भी लाजवाब ...

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  16. भावों से नाजुक शब्‍द......

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  17. सुकोमल अहसास से भरी सुंदर अभिव्यक्ती....
    सुंदर रचना....

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  18. han sach kaha yahi to bol hain jo jata jate hain ki vo bahut pyar karte hain.

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  19. एक विश्वास युक्त प्रभावी सन्देश ..
    शुभकामनायें आपको मृदुला जी !

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