sundar rachna ke liye badhai sweekaren. मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
Seven poetry books have been published in hindi ."phursat ke chanon men","gulmohar se rajnigandha tak","ye raha gulab","pili sarson" and"chalo kuchh baat karen", " dhadkanon ki tarzumani" and ‘ चौकलेट ‘.
name of my blog is "something for mind something for soul".
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mobile no.9810908099
बेहतरीन ।
ReplyDeleteHappens Mridula ji.
ReplyDeleteक्या हुआ?
ReplyDeleteयादें कभी खत्म भी हुई हैं क्या...जिसका न आदि है न अंत है वही तो असली याद है...
ReplyDeleteतुम्हें ही,
ReplyDeleteयाद करने को
जी चाहा है.......वाह!बहुत ही सुन्दर....
खूबसूरत एहसास ...
ReplyDeletebhaut hi khubsurat abhivaykti....
ReplyDeleteतेरी यादों में
ReplyDeleteयूँ खोयी....
कब शुरू किया,
कब ख़त्म,
मुझे
कुछ याद नहीं .......gahre khyaal khoobsurat se
Mridula Pradhan ji
ReplyDeletesundar rachna ke liye badhai sweekaren.
मेरी १०० वीं पोस्ट , पर आप सादर आमंत्रित हैं
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ब्लॉग पर यह मेरी १००वीं प्रविष्टि है / अच्छा या बुरा , पहला शतक ! आपकी टिप्पणियों ने मेरा लगातार मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया है /अपनी अब तक की " काव्य यात्रा " पर आपसे बेबाक प्रतिक्रिया की अपेक्षा करता हूँ / यदि मेरे प्रयास में कोई त्रुटियाँ हैं,तो उनसे भी अवश्य अवगत कराएं , आपका हर फैसला शिरोधार्य होगा . साभार - एस . एन . शुक्ल
yado ka safar u hi chalta rahe.
ReplyDeleteगहरे भाव लिए काव्य ! बधाई
ReplyDeleteस्थिति कुछ-कुछ तेरी
ReplyDeleteमेरे जैसी लगती है सखी..
कब वो मेरे,मैं कब उनकी
जान न पायी अब तक सखी...!!
***punam***
bas yun...hi...
dil se nikle gahre bhaav.ati sunder.
ReplyDeleteBahut hin achhi rachna hai.
ReplyDeleteबहुत सुंदर मृदुला जी .. ..बेहद अर्थपूर्ण पंक्तियाँ हैं....
ReplyDeleteयादें होती ही ऐसी हैं कि उनमें डूबने के बाद इंसान उन पलों को पुनः जीने लगता है!! कम शब्दों में गहरे भाव समाहित हैं!!
ReplyDeleteaisa hi hota hai aksar...
ReplyDeleteये तो अक्सर होना चाहिए .. और हर समय हो तो जीवन में बस प्रेम ही प्रेम हो ...
ReplyDeleteयादों में बड़ा दम है...उनके जाने से कुछ परेशानियाँ कम भी तो हुईं होंगी...
ReplyDeleteबढ़िया.पढ़कर अच्छा लगा.
ReplyDeleteबहुत सुंदर याद पर बात।
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