Saturday, August 27, 2011

अन्ना जी के मस्तक पर..........

अन्ना जी के मस्तक पर
अभिषेक
उषा की लाली से,
कुंदहार, नीलाभ वसन
 शोभित ललाट,
उजियाली से.
मलय-गिरी के
सुमल अनिल से ,
दसों दिशाओं के
जल-थल से,
दुग्ध-धवल पर्वत शिखरों 
से ,
मंदिर से, मस्ज़िद,
गिरिजों से.
दूर छितिज के
आकर्षण से,
गुरुद्वारे के ऊँचे
ध्वज से,
शंखनाद 
ध्वनि के  गुंजन से,
झरनों के अति
मीठे जल से.
नव अंकुर के
कोमल दल से,
नव प्रकाश की
मृदु आहट से ,
कोने-कोने के
कलरव से,
कलियों-कलियों के
सौरभ से.
अन्ना जी के मस्तक पर
अभिषेक
ओस की डाली से,
सागर के
अमृत कलशों से,
नए धन की
बाली से..........

25 comments:

  1. अभिषेक अभी
    अधूरा है
    अभी बहुत चलना है
    अन्ना का साथ
    निभाना है
    सुन्दर प्रस्तुति

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  2. ओह! अनुपम,अदभुत और मनोहारी है यह अभिषेक.

    आपका एक एक शब्द हृदय में पवित्रता का
    संचार करता है.

    आपकी इस पावन अभिव्यक्ति को मेरा सादर नमन.

    मेरे ब्लॉग पर आकर आपने मुझे अनुग्रहित किया.
    बहुत बहुत आभार आपका.

    एक बार फिर से आपको विनम्र आमंत्रण है,
    आकर अपने सुविचारों से भक्ति और शिवलिंग
    पर प्रकाश डालकर अनुग्रहित कीजियेगा मुझे.

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  3. सुन्दर प्रस्तुति.....

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  4. अनुपम,अदभुत और मनोहारी अभिषेक,बहुत आभार

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  5. वाह बहुत सुन्दर अभिषेक किया है।

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  6. Anna ji ka bahut sundar abhishek kiya hai aapne.

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  7. अन्ना ने कमाल कर दिया..... सोये हुए भारतियों को एक बार फिर जगा दिया.

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  8. वाह बहुत सुन्दर अभिषेक किया है।

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  9. अभिषेक
    ओस की डाली से,
    बहुत सुंदर प्रयोग!
    इतनी कोमलता से आपने बिम्बों को सजाया है कि लगता है ओस की बूंदे झर रही हों।

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  10. बहुत सुंदर भाव भरा अभिषेक है यह उस महान कृत्य के लिए जिसे दुनिया याद रखेगी... आभार !

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  11. वाह ...बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  12. श्रद्धावनत हूँ उस युगपुरुष के आगे!! आपकी यह रचना अन्ना का चित्र खींचती हुई प्रतीत होती है!!

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  13. प्रेरक रचना के लिए बधाई।

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  14. bahut achchi rachna hum sabhi is mahapurush ke aage natmastak hain.

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  15. मनमोहक कविता।

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  16. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
    ईद मुबारक

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  17. सुन्दर अभिषेक किया है।....

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  18. कितना सुंदर अभिषेक किया है प्रकृति नें खुश होकर । अण्णा जी का अनशन सफल हो सुफल हो ।

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  19. बेहतरीन.....अन्ना जिन्दाबाद!!!!

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  20. मोहक शब्द संयोजन ... सुन्दर रचना ... अन्ना जी की जय हो ..

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  21. बहुत सुन्दर प्रस्तुति .... अभी कुछ काम बाकी हैं ...

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  22. अन्ना जी के मस्तक पर
    अभिषेक
    ओस की डाली से,
    सागर के
    अमृत कलशों से,
    नए धन की
    बाली से..........tahedil se , shraddha se

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