Tuesday, March 6, 2012

आपके सानिध्य में दिन-रात जो रहने लगा हूँ.......

सुन हवा का
 मंद स्वर
कुछ-कुछ थिरकने
मैं लगा हूँ,                                 
आपके सानिध्य में
दिन-रात
जो रहने लगा हूँ.
 मैं सुबह की                                                            
ओस में, मोती
उगाने
अब लगा हूँ,     
भ्रमर- दल  की                                        
गुनगुनाने  में, गुनगुनाने 
अब   लगा हूँ .                                    
खग-विहग कल्लोल से
कल्लोल
मैं करने लगा हूँ,
बादलों को थामकर
अक्सर,
ज़रा उड़ने लगा हूँ.
मैं समंदर की
लहर से, गुफ़्तगू        
करने लगा हूँ,
तितलियों के पंख पर
कुछ-कुछ
कभी
धरने लगा हूँ.
ख़्वाब की दुनिया में
मैं भी
बैठकर चलने लगा हूँ,
आपके सानिध्य में
दिन-रात
जो रहने लगा हूँ.



19 comments:

  1. कुछ लोगों का साथ हममें एक नया जोश, नई उमंग और नए रंग भर ही देता है, और असंभव भी संभव हो जाता है।

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  2. ख़्वाब की दुनिया में
    मैं भी
    बैठकर चलने लगा हूँ,
    आपके सानिध्य में
    दिन-रात
    जो रहने लगा हूँ.

    होली की बहुत२ बधाई शुभकामनाए...

    RECENT POST...काव्यान्जलि ...रंग रंगीली होली आई,

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  3. सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    रंगों की बहार!
    छींटे और बौछार!!
    फुहार ही फुहार!!!
    रंगों के पर्व होलिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!!
    नमस्कार!

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  4. सुन्दर प्रस्तुति |

    होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
    कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।

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  5. मैं सुबह की
    ओस में, मोती
    उगाने
    अब लगा हूँ,
    खग-विहग कल्लोल से
    कल्लोल
    मैं करने लगा हूँ .
    Wah!
    Holi kee anek shubh kamnayen!

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  6. बहुत खूबसूरत भाव .... इन्द्रधनुष से लेकर सात रंग
    घोला है इसमें मैंने आठवां रंग - स्नेह का , दुआओं का , आशीषों का
    होली की शुभकामनायें ...

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  7. किसी का साथ कितना कुछ कर जाता है जीवन में ... सुन्दर रचना ...आपको और परिवार में सभी को होली की शुभ कामनाएं ...

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  8. आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 -03 -2012 को यहाँ भी है

    ..रंग की तरंग में होली की शुभकामनायें .. नयी पुरानी हलचल में .

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  9. "बादलों को थामकर
    अक्सर,
    ज़रा उड़ने लगा हूँ.
    मैं समंदर की
    लहर से, गुफ़्तगू
    करने लगा हूँ,"

    बहुत सुंदर कल्पना, भाव और अभिव्यक्‍ति !
    होली की बधाई !

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  10. ये सानिध्य ही ठौर है ,गतिमय रचना..होली की शुभकामनायें !

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  11. बहुत सुंदर रचना । होली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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  12. बहुत ही बढ़िया
    आपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

    सादर

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  13. किसी का साथ, किसी खास शख्स का.. बिलकुल ऐसा ही एहसास भर देता है मन में.. कमाल की लयात्मकता से भरी कविता!!

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  14. बादलों को थामकर
    अक्सर,
    ज़रा उड़ने लगा हूँ.
    मैं समंदर की
    लहर से, गुफ़्तगू
    करने लगा हूँ,
    तितलियों के पंख पर
    कुछ-कुछ
    कभी
    धरने लगा हूँ.

    बहुत खूबसूरत.......
    होली की शुभकामनाएँ.

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  15. वाह-वाह
    बहूत सुकोमल से भाव ..सुंदर,प्यारी रचना...
    होली पर्व कि ढेर सारी शुभकामनाये

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  16. प्रकृति के सारे रंग आपके जीवन को महका दें | होली की हार्दिक शुभकामनाएं |

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  17. तितलियों के पंख पर
    कुछ-कुछ
    कभी
    धरने लगा हूँ.
    ख़्वाब की दुनिया में
    मैं भी
    बैठकर चलने लगा हूँ,
    आपके सानिध्य में
    दिन-रात
    जो रहने लगा हूँ.
    commentless beautiful HEART TOUCHING lines

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