Monday, January 24, 2011

रोज़मर्रा की.........



"आप सब जाने-अनजाने लोग जो अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देते रहते हैं, उसके लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ.यह बहुत बड़ा सहयोग है आप सबों का..... जिससे बेहद ख़ुशी मिलती है......."


रोज़मर्रा की
छोटी-छोटी बातों में
जब
ढूँढने लगी
खुशियाँ.......
तो लगा,
खुशियों की
कोई
कीमत नहीं होती.
रद्दी से मिले 
एक सौ अस्सी रूपये 
में 
खुशी होती है,
मटर पचीस से बीस का 
किलो 
हो जाये ,
खुशी होती है,
'स्वीपर',माली ,'मेड',
'ड्राईवर'
समय से आयें 
खुशी होती है,
आलू के पराठे पर 
'बटर' पिघल जाये 
खुशी होती है ,
चक्कर लगा 
घर के
कोने-कोने का 
खुशी होती है,
'बुक-सेल्फ' से 
निकालकर 
पढ़ने में 
खुशी होती है,
पर्दे  
सही लग जाएँ
खुशी होती है,
'टेबल-क्लौथ' 
धुल जाएँ 
खुशी होती है.... 
तो रोज़ 
बड़ी-बड़ी खुशियाँ 
कहाँ 
मिलनेवाली 
चलो ,
इसीमें जी लिया जाये, 
जाड़े का मौसम 
है 
क्यों न 
एक कप,गर्म चाय का 
आनंद लिया जाए . 

36 comments:

  1. आदरणीय मृदुला जी
    नमस्कार !
    कोमल भावों से सजी ..
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
    आप बहुत अच्छा लिखतें हैं...वाकई.... आशा हैं आपसे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा....!!

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  2. बहुत खूब ...आपकी यह प्रस्तुति पढ़ कर खुशी होती है ...

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

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  4. साँस आ रही है खुशी है, हम और हमारे अपने आसपास है, खुशी है, खुशी है इसलिए खुशी है ....

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  5. ख़ुशी बिखेरती हुई सुंदर प्रस्तुति

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  6. chhoti chooti chheejon men khuhiyon ka dhundhna achha laga , badhai

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  7. ऑफिस जाने के लिये कमीज़ निकालो और उसके सारे बतन सलामत मिलें तो खुशी होती है.. 09:27 की मेट्रो टाइम पर मिल जाए और बैठने को जगह तो खुशी मिलती है!!
    दरसल हम एक बड़ी खुशी के इंतज़ार में अनगिनत छोटी छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं... आपने इन खुशियों से मिलाया, आभार!!

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  8. जीवन है तो संघर्ष भी है। संघर्ष है तो तनाव का होना स्वाभाविक है। जो लोग छोटी-छोटी खुशियों को महत्व नहीं देते वे बड़ी खुशियों के लिए तरस जाते हैं और अवसाद ग्रस्त हो जाते है। हास्य तनाव- मुक्ति हेतु सेफ्टीवाल्व का काम करता है। आपकी रचना में छोटी- छोटी कोशियों को सहेजने पर बल दिया गया है। प्रेरक रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिए।
    =============================
    गणतंत्र-दिवस की मंगल कामनाओं के साथ २३ दिसम्बर को नेताजी सुभाषचंद बोस की जयन्ती थी उन्हें याद कर युवा-शक्ति को प्रणाम करता हूँ। आज हम चरित्र-संकट के दौर से गुजर रहे हैं। कोई ऐसा जीवन्त नायक युवा-पीढ़ी के सामने नहीं है जिसके चरित्र का वे अनुकरण कर सकें?
    ============================
    मुन्नियाँ देश की लक्ष्मीबाई बने,
    डांस करके नशीला न बदनाम हों।
    मुन्ना भाई करें ’बोस’ का अनुगमन-
    देश-हित में प्रभावी ये पैगाम हों॥
    ===========================
    सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी

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  9. वाह म्रदुलाजी, बहुत खूब..
    छोटी छोटी बातो से जिन्हें इतनी ख़ुशी होती है ..
    जरा सोचो उनके जीवन में कितनी ख़ुशी होती है ....
    और आपको खुश देखकर हमें और भी ख़ुशी होती है ....

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  10. बहुत ही सरल कविता में आप ने बहुत ही गूढ़ सन्देश दे दिया है.आप की कलम को सलाम

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  11. Mridula ji,
    Aapne Akadam sahi likha hai, inhi choti choti khushiyon men hi zindagi ki saari khushiyan samahit hai.

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  12. Kitnee khushnuma hain ye rozmarra kee baaten!
    Gantantr diwas kee dheron badhayee!

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  13. अरे वाह....छोटी छोटी चीज़ों में कितना आनंद छुपा है.....लोग खामखाह जहां तहां भटकते रहते हैं इसके लिए.....

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  14. खुशी होती है....
    तो रोज़
    बड़ी-बड़ी खुशियाँ
    कहाँ
    मिलनेवाली
    चलो ,
    इसीमें जी लिया जाये,


    अच्छी कविता के लिये बधाई स्वीकारें।

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  15. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति जी, धन्यवाद

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  16. उत्तम प्रस्तुति |खुशी का बहुत सजीव चित्रण किया है
    बधाई |
    आपका संबोधन आशा दी बहुत अपनापन लिए हुए होता है |इसी प्रकार स्नेह बनाए रखें |
    आशा

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  17. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...

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  18. bahut acchi kavita lagi . . . padhkar bahut 'khushi' hui . . .

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  19. mummy ka kavita blog par padhke . . . khushi hoti hai . . .

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  20. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...पढ़ कर ख़ुशी हो रही है ....शुभकामनायें

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  21. वाह मृदुला जी मज़ा आ गया!!!!. सही है अगर खुश रहना चाहो तो बस एक छोटी सी ख़ुशी भी बहुत है और दुखी होने को हज़ार खुशियाँ हो तो भी कुछ न कुछ ढूंढ़ ही लेते हैं इतनी. सरल भाषा इतनी गूढ़ बात. ये जानकर भी ख़ुशी होती है....

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  22. :-) वाह मृदुला जी....आपने ख़ुशी को बहुत अच्छी तरह से पहचान लिया अगर हम खुश हैं तो हर जगह ख़ुशी मिलेगी .....बहुत बढ़िया|

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  23. बहुत खूब .....!!
    इन छोटी खुशियों में ही जीने का मज़ा लिया जाये
    कोई न हो अपना तो , खुद ही मुस्कुरा लिया जाये .....

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  24. क्या बात है! बहुत सुंदर कविता, हर लाइन पढ़ कर ख़ुशी मिली.

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  25. ज़िन्दगी जीने के लिए इन्ही छोटी-छोटी अनगिनित खुशियों की ही ज़रुरत होती है

    इंसान बड़ी-बड़ी खुशियाँ पाने के चक्कर में इन खुशियों को आगे सरकाता रहता है...

    बहुत ही सुन्दर...एकदम मेरे दिल के करीब...!!!

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  26. sundar kavitaa. shubhkamanaye..aisi rachanatmakta k liye.

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  27. ख़ुशी का सम्बन्ध हमारी जरूरतों से न हो कर हमारे मानस होता है और जब हम भौतिक चीजों में ख़ुशी ढूढ़ते हें तो ..फिर ख़ुशी प्याज टमाटर के साथ ही होती है उनकी तरह क्षणिक ....शुक्रिया आपका

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  28. प्याज ५० से २५ रूपये मिल जाय तो ख़ुशी ही ख़ुशी होती है |
    सच जिन्दगी कितनी खुशियों से भरी पड़ी है |
    सुंदर कविता |

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  29. blog post karte hi turant comment mil jay tab to behad khushi hoti hai ....bahut shaandaar prastuti..

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  30. सच कहा है आपने,छोटी छोटी इच्छाओं की पूर्ती भी बहुत ख़ुशी देती है.

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  31. very well said, bahut acha laga pad kar..
    shukriya share karne k liye...
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