मुझसे किसीने कहा, 'मेरी 'ग्रैंड=डॉटर' का सोलवां साल शुरू होनेवाला है.....आप मेरी ओर से कुछ लिख दीजिये' तो अपनी समझ के अनुसार यही लिख पाई . अब आज के सन्दर्भ में पता नहीं ये कितना सही है ?
सोलवां साल
यानि
एक जादू ,
एक आकर्षण,
एक निमंत्रण,
कुछ अलग सा
मिजाज़........
तो मेरी बच्ची,
अब करनी होगी तुम्हें
अपने ही
कदमों की पहरेदारी
समझदारी से,
कि
दुनियादारी में
प्रलोभन,
कम नहीं.
सशक्त मन से
उज्जवल भविष्य का
आह्वान करना,
शालीनता से,विनम्रता से,
प्रभु का
ध्यान करना,
कहना.......
तुम्हें विद्या,बुद्धि,विवेक से
आभूषित के दें,
कहना........
तुम्हें धैर्य से,प्रेम से,विश्वास से
आलोकित कर दें.........
आपने बहुत सही लिखा है, पर आपका यह कहना सही है कि आज के संदर्भ में यह बातें कितनी समझी जाएँगी, आज के बच्चे हिंदी पढ़ने में थोड़ा अटकते हैं, शालीनता आदि शब्दों के अर्थ भारी पडेंगे...फिर भी बहुत सुंदर संदेश !
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.
आपकी सीख हर युग के संदर्भ में सही है मृदुला जी.. लेकिन मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि ये बातें अब सिर्फ बेटियों को नहीं, बेटों को भी समझाया जाए। शालीनता, विनम्रता की सीख हम सभी बच्चों को दें, और अपने कदमों की पहरेदारी की सीख बेटों को भी कच्ची उम्र से दी जाए...
ReplyDeleteउज्जवल भविष्य का
ReplyDeleteआह्वान करना,
शालीनता से,विनम्रता से,
प्रभु का
ध्यान करना,
सुंदर प्रस्तुति ,,,,,
MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
सशक्त मन से
ReplyDeleteउज्जवल भविष्य का
आह्वान करना,
शालीनता से,विनम्रता से,
प्रभु का
ध्यान करना,.....बहुत सुन्दर आह्वान.....
बहुत सुन्दर उपहार है शब्दों का... यह मागदर्शन उम्र के इस पड़ाव पर निश्चित वरदान सिद्ध होगा!
ReplyDeleteसार्थक सीख देती सुन्दर रचना
ReplyDeletebahut sundar shabd diye bhaavon ko ...!!
ReplyDeleteतुम्हें विद्या,बुद्धि,विवेक से
ReplyDeleteआभूषित के दें,
कहना........
तुम्हें धैर्य से,प्रेम से,विश्वास से
आलोकित कर दें......
अनुपम भाव ...
बहुत बहुत सुन्दर मृदुला जी.....
ReplyDeleteकाश मेरी सोलह साल की बिटिया होती तो उसको पढाती ये पंक्तियाँ.....
बहुत सुन्दर.
सीख देती रचना ..
ReplyDeleteइस सीख की जीवन के इस पड़ाव पर बहुत ही ज़रूरत होती है।
ReplyDeleteआपने जो लिखा ...वो शाश्वत है ...हर युग के लिए मुफीद !
ReplyDeleteBAHUT SUNDER SEEKH ...PRERNA DAYAK RACNA
ReplyDeleteअब करनी होगी तुम्हें
ReplyDeleteअपने ही
कदमों की पहरेदारी...
बहुत सुन्दर .
युवा कन्या के लिए बहुत प्रेरक सन्देश, बधाई.
ReplyDeleteबहुत अच्छी सीख दी है आपने इससे अच्छा और कुछ भी नहीं हो सकता...
ReplyDeleteसोलहवां साल .... कल आज और कल ... जादुई ही है
ReplyDeleteऊर्जा से भरी इस उम्र को आपने एक सही दिशा दी है । यही उम्र है जहाँ से सारे जीवन को हरा-भरा बनाए रखने की ऊर्जा व नमी मिलती है ।
ReplyDeletesundar seekh..
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना है |
ReplyDeleteआशा
अच्छी सीख देती सुंदर रचना...
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना...
ReplyDeleteसुन्दर सीख
ReplyDeleteसोलह साल...पर इतनी सुन्दर कविता पहली बार पढ़ी है...
ReplyDeleteमेरी भी पोती है १४ साल की उसको भी सुनाऊंगी ये कविता पढकर ।
ReplyDeleteअपने ही कदमों की पहरेदारी, कितना सही संदेश ।