कई बार दूसरों के भोगे गए यथार्थ को हम, अपने शब्दों का जामा पहना देते हैं.........उसीका एक उदहारण आप सब के सामने प्रस्तुत है......
बाबा,
तुम कहाँ चले गए......
खेलने की उम्र में
मुझे
बिलखता छोड़कर.
काश तुम देख सकते,
तुम्हारा
वह असहाय पुत्र,
आत्म-बल से
बाधाएँ
पार करता हुआ,
अपने पैरों पर
खड़ा
हो गया है.
काश तुम देख सकते,
तुम्हारे
पुत्र के सशक्त
कंधे,
घर-संसार चलाने में
सक्छम
हो गए हैं,
उसकी हथेलियों में
खुशियाँ
भरने लगी हैं,
काश तुम देख सकते,
तुम्हारे घर की
चौखट को,
तुम्हारी पुत्रवधू ने,
आलता-दूध में
पांव रखकर,
पार कर लिया है
और मैं सोचता हूँ.....
तुम
कितने खुश होते,
काश तुम देख सकते .
Aankhen nam karne wali rachana!
ReplyDeleteHolikee anek shubhkamnayen!
bhig gaya man , pad kar itni savdensheel rachna..
ReplyDeletevrey touching....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति|
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
बेहतरीन प्रस्तुति ...होली की शुभकामनाएं ।
ReplyDeleteसच है ख़ुशी के मौके पर बिछड़े हुए जादा याद आते हैं ....
ReplyDeleteबहुत बढिया...सुन्दर कविता .
आपको होली की शुभकामनाये
...
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर कविता ! उम्दा प्रस्तुती! ! बधाई!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
तुम्हारे घर की
ReplyDeleteचौखट को,
तुम्हारी पुत्रवधू ने,
आलता-दूध में
पांव रखकर,
पार कर लिया है
और मैं सोचता हूँ.....
तुम
कितने खुश होते,
काश तुम देख सकते .
we dekhte hain aur bahut khush hote hain ...holi ki shubhkamnayen
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति दी है आपने बहुत मुश्किल होता है किसी के मनोभावों को महसूस करना और उन्हें शब्दों में पिरोना.....प्रशंसनीय|
ReplyDeleteऔर मैं सोचता हूँ.....
ReplyDeleteतुम
कितने खुश होते,
काश तुम देख सकते
dard bhari rachna ,sab kuchh hota hai magar kami nahi poori hoti .sundar .holi ki badhai mridula ji .
बहुत मर्मस्पर्शी..होली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteA beautiful creation indeed ...होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत ही मार्मिक रचना...अंदर तक छु गयी ये रचना...मृदुला जी आपको और आपके पूरे परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteरंगों की चलाई है हमने पिचकारी
ReplyDeleteरहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना
ReplyDeleteऐसा होता है ... जो भी इंसान कुछ करता है अपनो को ही तो दिखाना चाहता है ... संवेदनशील रचना है .....
ReplyDeleteआपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
मार्मिक भावों से सजी सुंदर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteachhi panktiyaan hain. Achha chitran.
ReplyDeleteरंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteनेह और अपनेपन के
ReplyDeleteइंद्रधनुषी रंगों से सजी होली
उमंग और उल्लास का गुलाल
हमारे जीवनों मे उंडेल दे.
आप को सपरिवार होली की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
sunder bhaavpoorn abhivykti.
ReplyDeleteaswasthta kee vajah se ek arase baad laptop chiya hai.kafee kuch padna choot gaya koshish rahegee ki dheere dheere sab pad loomai varna nuksaan mera hee hai...
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ReplyDeleteतुम्हारे घर की
ReplyDeleteचौखट को,
तुम्हारी पुत्रवधू ने,
आलता.दूध में
पांव रखकर,
पार कर लिया है
और मैं सोचता हूँ
तुम
कितने खुश होते,
काश तुम देख सकते
अत्युत्तम]
आपकी इस भाव प्रधान कविता ने मर्म को स्पर्श किया है।
कितने खुश होते ,
ReplyDeleteकाश तुम देख सकते !!
माली बाग़ की खुशहाली सुनिश्चित करता है !
बाग़ केवल धन्यवाद दे सकता है !
टीस उठाती कविता !
heart touching poem
ReplyDeleteमृदुलाजी कमाल की कोमल अभिव्यक्ति है । सच, सब की भावनाओं को उद्वेलित करती है ये कविता । बम सभी तो सोचते हैं बाबा काश तुम देख पाते ।
ReplyDeleteतुम कहाँ चले गए......
ReplyDeleteखेलने की उम्र में
मुझे
बिलखता छोड़कर.
काश तुम देख सकते,
तुम्हारा
वह असहाय पुत्र,
आत्म-बल से
बाधाएँ
बहुत ही सुन्दर रचना है ! दिल को छू गई !!