मेरे जेठ-जिठानी के शादी की पचासवीं सालगिरह पर, मैनें ये कविता उनकी ओर से लिखी है.........
ऐ हमसफ़र यहाँ तक,
मंजिल जो तय हुई है,
हम तो, निभाएंगे ही,
तुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे,
कुछ तुम हमें सुनाना.
सुबहों की धूप को हम
शबनम से नहा देंगे,
पंखों पे तितलियों के
हम मन को उड़ायेंगे,
फूलों के रसों-गंधों में
डूबकर-डुबाकर,
मिट्टी की महक में हवा,
कुछ बूँद मिलायेंगे .
फ़िक्रों की पर्चियों को
हम साथ भुलायेंगे,
कुछ कहकहों के कतरे
मिल-मिल के सजायेंगे,
खामोशियों की आहट,
चुन -चुन के हम रखेंगे
फिर देर रात बैठे
वो आहटें पढेंगे........
कुछ हम न बदल जाएँ
कुछ तुम न बदल जाना,
ऐ हमसफ़र यहाँ तक,
मंजिल जो तय हुई है,
हम तो, निभाएंगे ही
तुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे
कुछ तुम हमें सुनाना.
एक दुसरे के प्रति स्नेह और समर्पण का भाव दर्शाता....
ReplyDeleteऐ हमसफ़र यहाँ तक,
ReplyDeleteमंजिल जो तय हुई है,
हम तो, निभाएंगे ही
तुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे
कुछ तुम हमें सुनाना.
प्रेम भाव की अभिव्यक्ति ...समर्पण का भाव प्रबल है ...बहुत सुन्दरता से भावनाओं को शब्ब्दो में बांधा है ...आपका आभार
ऐ हमसफ़र यहाँ तक,
ReplyDeleteमंजिल जो तय हुई है,
हम तो, निभाएंगे ही,
तुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे,
कुछ तुम हमें सुनाना.
is vaade ko nibhana ... shubhkamnayen
सात जन्मों के साथ में से ५० साल पूरे करने के लिए युगल जोड़ी को बहुत बहुत बधाई! ऐसे ही यह सफर अनादिकाल तक चलता रहे, यही शुभकामनाएं हैं!!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.... स्नेह समर्पण का भाव लिए कविता ...
ReplyDeleteयुगल जोड़ी को शुभकामनाये मेरी ओर से भी ..
हम तो, निभाएंगे ही,
ReplyDeleteतुम भी उसे निभाना,
युगल जोड़ी को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाये
हम तो, निभाएंगे ही,
ReplyDeleteतुम भी उसे निभाना ।
बहुत ही सुन्दर शब्द ...शुभकामनाएं ।।
ऐ हमसफ़र यहाँ तक,
ReplyDeleteमंजिल जो तय हुई है,
हम तो, निभाएंगे ही
तुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे
कुछ तुम हमें सुनाना.
बहुत ही मार्मिक पक्तियां!...धन्यवाद म्रूदुलाजी कि आपने इनका साक्षात्कार कराया!
बधाई हो। शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई स्वर्णजयंती के अवसर पर और आपके सुंदर शब्दों के लिए!
ReplyDeleteबधाई और शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteहम तो, निभाएंगे ही
ReplyDeleteतुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे
कुछ तुम हमें सुनाना.
......बहुत सुन्दरता से भावनाओं अभिव्यक्ति...
वाह...
ReplyDeleteआखिर 50 वर्षों का अटूट साथ है ।
शुभकामनाएँ...
दिव्य प्रेम को स्थापित करती रचना...वाह...
ReplyDeleteनीरज
Khoob pyaari.
ReplyDelete.
ReplyDeleteमृदुला जी ,
भावुक कर देने वाली इस सुन्दर रचना को पढवाने के लिए आभार । हर पंक्ति में एक दुसरे के लिए अथाह प्रेम और समर्पण झलक रहा है । इश्वर से प्रार्थना है की इनका दाम्पत्य जीवन खुशहाली से भरपूर रहे ।
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vaah vaah bahut sunder rachna....aap to aap aapki jethani saahiba bhi kamaal ka likhti hain. unko is golden jublee ki bahut bahut badhayi.
ReplyDelete"कुछ हम न बदल जाएँ
ReplyDeleteकुछ तुम न बदल जाना,"
bas yun hi salaamat rahen aur heerak jayanti bhi manaayen...hamaari shubhkaamnayen....!!
पंखों पे तितलियों के
ReplyDeleteहम मन को उड़ायेंगे,
फूलों के रसों-गंधों में
डूबकर-डुबाकर,
मिट्टी की महक में हवा,
कुछ बूँद मिलायेंगे .
फ़िक्रों की पर्चियों को
हम साथ भुलायेंगे,
कुछ कहकहों के कतरे
मिल-मिल के सजायेंगे,
खामोशियों की आहट,
चुन -चुन के हम रखेंगे
फिर देर रात बैठे
वो आहटें पढेंगे........
वाह वाह पचास सालों तक का साथ है तो ये आहटें पडने का ही समय है । बहुत सुंदर मृदुला जी ।
कुछ हम न बदल जाएँ
ReplyDeleteकुछ तुम न बदल जाना,..
पचीस साल तक निभाया है ..
ऐसे ही आयेज निभाना ...
बहुत खूब लिखा है आपने ... बधाई उनको ...
शादी के 50 वर्ष की उन्हें हार्दिक बधाई. आपकी कविता भावनाओं से पूरी तरह से ओत प्रोत है.
ReplyDelete50th anniversary par bahut bahut shubhkamnayen -
ReplyDeletebahut sunder bhaavbhari rachna hai -
bahut sunder rachna hai mridula ji
ReplyDeleteहम तो, निभाएंगे ही
ReplyDeleteतुम भी उसे निभाना,
कुछ हम कहेंगे तुमसे
कुछ तुम हमें सुनाना.
"सूत्र जीवन का इस पर टिका
निरंतर लोगों ने भूला "
सुन्दर
Wow...Mridula ji...kya khoob kaha hai aapne..bahut khoob...kahkahon ke katre,dukhon pe ruyi ke faahe,kuchh namkeen mithas si ghuli sharbati zindagi ke kshan....aur kya maange man...
ReplyDeleteCongrats on INDIAS CRICKET WORLD CUP VICTORY.
ReplyDeleteमेरी भी सुनहरी शुभकामनाएं सुंदर भावों से सजी कविता बधाई मृदुला जी !
ReplyDeleteमनोभावों को आपने खूबसूरती से पिरोया है....बधाई।
ReplyDeleteशादी के 50 वर्ष की उन्हें हार्दिक बधाई.
दिव्य प्रेम को स्थापित करती रचना|
ReplyDeleteनवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ| धन्यवाद|
Sundar Abhivyakti!..
ReplyDeletelikhte rahiye.. Meri Shubhkamnayein!!
जिठानी -देवरानी का मधुर संवाद, जोकि अक्सर बहुत कम ही पाया जाता है ।
ReplyDeleteदिन मैं सूरज गायब हो सकता है
ReplyDeleteरोशनी नही
दिल टू सटकता है
दोस्ती नही
आप टिप्पणी करना भूल सकते हो
हम नही
हम से टॉस कोई भी जीत सकता है
पर मैच नही
चक दे इंडिया हम ही जीत गए
भारत के विश्व चैम्पियन बनने पर आप सबको ढेरों बधाइयाँ और आपको एवं आपके परिवार को हिंदी नया साल(नवसंवत्सर२०६८ )की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!
आपका स्वागत है
"गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका!"
और
121 करोड़ हिंदुस्तानियों का सपना पूरा हो गया
आपके सुझाव और संदेश जरुर दे!
आपके जेठ जेठानी को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें.
ReplyDeleteसुन्दर रचना को पढवाने के लिए आभार ।
ReplyDeleteVivek Jain vivj2000.blogspot.com
सुन्दर भावों से ओत-प्रोत रचना ...
ReplyDeleteआपके जेठ और जेठानी को बधाई और शुभकामनायें
good, as usual
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