देखी होगी
तुमने........
मेरी सोती-जागती
कल्पनाओं से,
जन्म लेती हुई
कविताओं को,प्रसव वेदना से
मुक्त होते हुये,
सुनी होगी........
उनकी पहली किलकारी,
मेरी डायरी के
पन्नों पर
और
महसूस किया होगा......
सृजन का सुख
मेरे मन के
कोने-कोने में.......