हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी ,
चैत के चंचल हवा
आर
कुसुमी रंग
ल आयल छी .....
हम किरण असमान सँ
धरती सँ
दूभी -धान लय
गीत सागर के लहर सँ
भ्रमर सँ
मधुपान लय......
खीच क मधु
यामिनी सँ , चाँदनी सँ
ज्योत्स्ना
झिलमिलाहट हम
तरेगन सँ उड़ा
ल आयल छी .......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी .......
रंग गुलाल , अबीरक झोली
श्याम संग
कनुप्रिया के होली
खेलि रहलि छथि
बारि - दुआरि
हर्ष उमंगक
रस में घोली,
अनुपम छवि सँ
प्रीति माँगि कय
आज एतय
ल आयल छी ......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी ........
फाग मचल , उमगल
अंगना - घर
धूम उठल रसिया के
रघुबर कर पिचकारी
भरल अछि
रंग सँ अंग सिया के.....
अद्भुद रूप छटा
सम्मोहन
वैह फुहार ल
आयल छी ......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी ......
चैत के चंचल हवा
आर
कुसुमी रंग
ल आयल छी......
सौगात ल क
आयल छी ,
चैत के चंचल हवा
आर
कुसुमी रंग
ल आयल छी .....
हम किरण असमान सँ
धरती सँ
दूभी -धान लय
गीत सागर के लहर सँ
भ्रमर सँ
मधुपान लय......
खीच क मधु
यामिनी सँ , चाँदनी सँ
ज्योत्स्ना
झिलमिलाहट हम
तरेगन सँ उड़ा
ल आयल छी .......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी .......
रंग गुलाल , अबीरक झोली
श्याम संग
कनुप्रिया के होली
खेलि रहलि छथि
बारि - दुआरि
हर्ष उमंगक
रस में घोली,
अनुपम छवि सँ
प्रीति माँगि कय
आज एतय
ल आयल छी ......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी ........
फाग मचल , उमगल
अंगना - घर
धूम उठल रसिया के
रघुबर कर पिचकारी
भरल अछि
रंग सँ अंग सिया के.....
अद्भुद रूप छटा
सम्मोहन
वैह फुहार ल
आयल छी ......
हम स्नेहक पात पर
सौगात ल क
आयल छी ......
चैत के चंचल हवा
आर
कुसुमी रंग
ल आयल छी......