Wednesday, March 10, 2021

वही चेहरा..

 ख़्यालों के दरीचों से 

गुलो-गुंचों की 

मुखबिरी

तसव्वुर के मुहाने से 

वो उठते 

चाँद का मंजर ..

मेरी रातों की 

कश्ती में 

जो आकर के 

जगाता है 

चमक जाता है 

सिरहाने में 

रौशन सा वही 

चेहरा ..

Saturday, March 6, 2021

 स्वतंत्रता स्त्री के लिये बेहद ज़रूरी है ,इसमें कोई शक नहीं ..लेकिन स्त्रियों के लिये यह समझना भी उतना ही ज़रूरी है कि..स्वतंत्रता एक बहुत बड़ी जिम्मेवारी है ..अपने प्रति , परिवार के प्रति , समाज के प्रति और अंततः देश के प्रति ..

स्वतंत्रता अपने आप में एक बहुत ही शक्तिशाली आचरण है ..जिसपर स्त्रियों को शत-प्रतिशत  खड़ा उतरना है ..और इसी सोच को लेकर आगे चलना है ..

आसमान की भुजाओं में

थमा दें

पराग की झोली 

और .. दूर-दूर तक 

उड़ायें

मौसम का गुलाल..

कि ..

ऋतु वसंत है ..