Thursday, February 3, 2011

ख्वाहिशे सब्ज़े-सफ़र......

आप सब जाने-अनजाने लोग जो अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देते रहते हैं, उसके लिए मैं ह्रदय से आभारी हूँ.यह बहुत बड़ा सहयोग है आप सबों का..... जिससे बेहद ख़ुशी मिलती है......."

                                                    
"ख्वाहिशे सब्ज़े-सफ़र (जिंदगी की खुशहाली)
ना खत्म हो,
ऐ ख़ुदा
तेरी दुआओं से रहें
महफूज़ (सुरक्षित) हम, 
रंगे - मौसम - रौनकों से
सामना होता रहे,
ऐ ख़ुदा
तेरी दुआओं का
मुनव्वर (प्रकाश),
साथ हो."

36 comments:

  1. खूबसूरत दुआ है.आमीन
    शुभ कामनाएं

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  2. दिल कि गहराइयों से निकली दुआ है ....बहुत सुंदर भाव

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  3. मृदुला जी! बड़ी ख़ूबसूरत इल्तिजा है आपकी! अपनी आँखें बंद किये गुफ्तगू कर रहा हूँ उससे जिससे कभी कुछ नहीं माँगा..
    जानकर ये ख़ुदा से कुछ न कहा
    वो मेरा हाल जानता होगा!!

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  4. khuda ki duaaon ka munnavar hamesha saath hoga ...

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  5. हमारी भी यही दुआ है। आपके लिए, हमारे लिए और सबके लिए :)

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  6. arey......!
    padhte hi zubaan se yahi nikla...baad mein dekha ke sabne yahi kaha hai....;)

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  7. बहुत ही खूबसूरत शब्‍द ...।

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  8. आपकी दुआ में असर हो ...
    सब के जीवन में ऐसी ही रौशनी रहे ..

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  9. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार ०५.०२.२०११ को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  10. हाँ .... ..जब मानव ह्रदय परमात्मा को बारम्बार आभार देना चाहता हैतो यही निकलता है .आमीन

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  11. बहुत सुन्दर आकांक्षा है ! और इतनी सादगी से की गयी है कि खुदा उसे पूरी किये बिना कैसे रह सकता है ! तथास्तु ! बधाई एवं शुभकामनायें !

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  12. इसी दुआ में मेरी तरफ से भी जोर लगा दें...आपके साथ खडा हूँ मैं भी....तथास्तु...

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  13. आदरणीया मृदुला प्रधान जी सादर नमस्कार .बहुत सुन्दर लिखा है आपने .बधाई

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  14. सुन्दर अभिव्यक्ति !

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  15. mere blog pr behtarin comment dene k liye dhanywad.
    Aapke comment mere liye bahut important hai bcz its help to improve my skill.

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  16. आपकी यह दुआ क़बूल हो...आमीन !

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  17. दिल से निकली दुआ है ....बहुत सुंदर भाव

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  18. हम भी यही दुआ करते हैं.


    सादर

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  19. बहुत सुंदर -
    गहरे भाव

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  20. मृदुला जी,

    बहुत खूबसूरत पर एक बात कहना चाहूँगा......दुआ खुदा से होती है खुदा की नहीं.......उसकी तो रहमत होती है जो हम पर बरसती है......दुआ तो हम करते है उस खुदा से उसकी रहमतों की |

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  21. सुन्दर एहसास ...सुन्दर दुआ.

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  22. इस खूबसूरत दुआ की रोशनी हमेशा बनी रहे जीवन मे.
    सादर,
    डोरोथी.

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  23. बहुत प्रेरणा देती हुई सुन्दर रचना ...
    फुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |

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  24. ऐ ख़ुदा
    तेरी दुआओं का
    मुनव्वर (प्रकाश),
    साथ हो."


    प्रेरणादायी रचना मेरे लिए

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  25. बेहद सुन्दर रचना.... भाव तो सुन्दर हैं ही... लेकिन भाषा का सहज प्रवाह... इतना सुन्दर है कि यह पंक्तियाँ बार बार पढ़ने को मन करता है...

    मेघ-मालाओं ने कहा-
    'बरसना है अभी और.'
    हवाओं को जाना था,
    खुशबू लेकर
    दूर-दराज़,
    नदियों-झीलों को
    करनी थी,
    अठखेलियाँ
    और
    पहाड़ों पर जमी हुई
    बर्फ़ ने कहा-
    'बहुत दूर है
    तुम्हारा घर.'
    झरनों से गिरता हुआ
    कल-कल,
    दूब पर फैली
    हरियाली,
    ताड़, खजूर युक्लिप्टस
    और चिनारों ने
    सुना दी,
    अपनी-अपनी....

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