Sunday, June 3, 2012

मौसम की रखवाली करेंगे.......

नीम का एक पेड़ 
बाहर के, ओसारे से लगे 
तो
गर्मियों के दिन में 
उसकी छांव में 
बैठा करेंगे.....
कड़ी होगी धूप 
जो 
जाड़ों में सर पर,
नीम की डाली से 
हम 
पर्दा करेंगे.......
पतझड़ों में सूखकर
पीले हुए पत्ते,
'ओसारे- लॉन' पर 
जब 
आ बिछेंगे,
सरसराहट सी उठेगी 
हवा सरकाएगी जब-तब, 
मर्मरी आवाज़ 
आएगी, जो 
पत्तों पर चलेंगे.....
हर वक्त कलरव 
कोटरों में, पक्छियों का 
किसलयों के रंग पर 
कविता करेंगे......
नीम का एक पेड़ 
बाहर के ओसारे से लगे 
तो 
हम सुबह से शाम तक 
मौसम की 
रखवाली करेंगे.......

  

22 comments:

  1. सच कहा नीम के पेड़ की छांव मे बैठ कर मौसम की रखवाली करना बहुत अच्छा लगा...सुन्दर प्रस्तुति...

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  2. नीम के उस पेड़ की बात ... जो कभी हुवा करते थे ...
    कुछ कहती हुयी सी रचना ..

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  3. बहुत ही सुन्दर कल्पना ....

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  4. बेहद खूबसूरत ,बहुत बढ़िया प्रस्तुति!आभार .....

    आप Rajpurohit Samaj ब्लॉग के समर्थक(Followers) बने ... धन्यवाद.

    Rajpurohit Samaj!
    पर पधारेँ।

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  5. हम सुबह से शाम तक
    मौसम की
    रखवाली करेंगे......
    bahut sundar abhivyakti ...!!

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  6. बहुत ही सुंदर।

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  7. हम सुबह से शाम तक
    मौसम की
    रखवाली करेंगे.......

    कल्पनाओं की बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,,,,

    RESENT POST ,,,, फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,

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  8. फिर से घर घर खेलेंगे ...

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  9. और कुछ बचपन की बाते भी मिल बैठ कर याद करेंगे ....

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  10. साथ में निम्बौरी भी बटोरेंगे...)
    सुंदर अभिव्यक्ति !!

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  11. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  12. नीम बड़ा गुणकारी वृक्ष है, और इसकी छाया सबसे शीतल।

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  13. बहुत सुंदर.......
    ठंडी बयार सी रचना......

    अनु

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  14. खुबसूरत कल्पना...हम सुबह से शाम तक
    मौसम की रखवाली करेंगे.......

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  15. वाह ...बेहतरीन ।

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  16. खूबसूरत कल्पना के पंखो से उडती हुई रचना ...वाह बेहतरीन

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  17. ढक्कनों के तराजू बना कर निबोरियों के आम बेचेंगे ।
    बहुत सुंदर कविता ।

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  18. बहुत सुन्दर चित्रण

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  19. aameen......laga ligiye.....nature ke karib kavita

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  20. कल 06/06/2012 को आपके ब्‍लॉग की प्रथम पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    '' क्‍या क्‍या छूट गया ''

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  21. जवाब नहीं आपका और मौसम की रखवाली करती कविता का.
    बहुत प्यारी!!!!

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  22. नीम का पेड़ छाँव भी और प्रकृति के साथ मादकता भी, सुन्दर.

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