Thursday, June 7, 2012

सोलवां साल.......

मुझसे किसीने कहा, 'मेरी 'ग्रैंड=डॉटर' का सोलवां साल शुरू होनेवाला है.....आप मेरी ओर से  कुछ लिख दीजिये' तो अपनी समझ के अनुसार यही लिख पाई . अब आज के सन्दर्भ में पता नहीं ये कितना सही है ?

सोलवां साल 
यानि 
एक जादू ,
एक आकर्षण,
एक निमंत्रण,
कुछ  अलग सा 
मिजाज़........
तो  मेरी बच्ची,
अब करनी होगी तुम्हें 
अपने ही 
कदमों की पहरेदारी 
समझदारी से,
कि
दुनियादारी में 
प्रलोभन,
कम नहीं.
सशक्त मन से 
उज्जवल भविष्य का 
आह्वान करना,
शालीनता से,विनम्रता से,
प्रभु का 
ध्यान करना,
कहना.......
तुम्हें विद्या,बुद्धि,विवेक से 
आभूषित के दें,
कहना........
तुम्हें धैर्य से,प्रेम से,विश्वास से 
आलोकित कर दें.........

25 comments:

  1. आपने बहुत सही लिखा है, पर आपका यह कहना सही है कि आज के संदर्भ में यह बातें कितनी समझी जाएँगी, आज के बच्चे हिंदी पढ़ने में थोड़ा अटकते हैं, शालीनता आदि शब्दों के अर्थ भारी पडेंगे...फिर भी बहुत सुंदर संदेश !
    मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है.

    ReplyDelete
  2. आपकी सीख हर युग के संदर्भ में सही है मृदुला जी.. लेकिन मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि ये बातें अब सिर्फ बेटियों को नहीं, बेटों को भी समझाया जाए। शालीनता, विनम्रता की सीख हम सभी बच्चों को दें, और अपने कदमों की पहरेदारी की सीख बेटों को भी कच्ची उम्र से दी जाए...

    ReplyDelete
  3. उज्जवल भविष्य का
    आह्वान करना,
    शालीनता से,विनम्रता से,
    प्रभु का
    ध्यान करना,

    सुंदर प्रस्तुति ,,,,,

    MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,

    ReplyDelete
  4. सशक्त मन से
    उज्जवल भविष्य का
    आह्वान करना,
    शालीनता से,विनम्रता से,
    प्रभु का
    ध्यान करना,.....बहुत सुन्दर आह्वान.....

    ReplyDelete
  5. बहुत सुन्दर उपहार है शब्दों का... यह मागदर्शन उम्र के इस पड़ाव पर निश्चित वरदान सिद्ध होगा!

    ReplyDelete
  6. सार्थक सीख देती सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  7. bahut sundar shabd diye bhaavon ko ...!!

    ReplyDelete
  8. तुम्हें विद्या,बुद्धि,विवेक से
    आभूषित के दें,
    कहना........
    तुम्हें धैर्य से,प्रेम से,विश्वास से
    आलोकित कर दें......
    अनुपम भाव ...

    ReplyDelete
  9. बहुत बहुत सुन्दर मृदुला जी.....
    काश मेरी सोलह साल की बिटिया होती तो उसको पढाती ये पंक्तियाँ.....
    बहुत सुन्दर.

    ReplyDelete
  10. सीख देती रचना ..

    ReplyDelete
  11. इस सीख की जीवन के इस पड़ाव पर बहुत ही ज़रूरत होती है।

    ReplyDelete
  12. आपने जो लिखा ...वो शाश्वत है ...हर युग के लिए मुफीद !

    ReplyDelete
  13. BAHUT SUNDER SEEKH ...PRERNA DAYAK RACNA

    ReplyDelete
  14. अब करनी होगी तुम्हें
    अपने ही
    कदमों की पहरेदारी...

    बहुत सुन्दर .

    ReplyDelete
  15. युवा कन्या के लिए बहुत प्रेरक सन्देश, बधाई.

    ReplyDelete
  16. बहुत अच्छी सीख दी है आपने इससे अच्छा और कुछ भी नहीं हो सकता...

    ReplyDelete
  17. सोलहवां साल .... कल आज और कल ... जादुई ही है

    ReplyDelete
  18. ऊर्जा से भरी इस उम्र को आपने एक सही दिशा दी है । यही उम्र है जहाँ से सारे जीवन को हरा-भरा बनाए रखने की ऊर्जा व नमी मिलती है ।

    ReplyDelete
  19. बहुत भावपूर्ण रचना है |
    आशा

    ReplyDelete
  20. अच्छी सीख देती सुंदर रचना...

    ReplyDelete
  21. सुन्दर सीख

    ReplyDelete
  22. सोलह साल...पर इतनी सुन्दर कविता पहली बार पढ़ी है...

    ReplyDelete
  23. मेरी भी पोती है १४ साल की उसको भी सुनाऊंगी ये कविता पढकर ।
    अपने ही कदमों की पहरेदारी, कितना सही संदेश ।

    ReplyDelete