Sunday, June 10, 2012

'सूर्योदय' हुआ......

सात घोड़ों ने कसी 'जीनें'
कि 
किरणें कसमसायीं,
झील में जैसे किसी ने 
घोल दी,
जी भर ललाई.
पिघलती 
सोने कि नदियों 
पर,पड़ी आभा गुलाबी, 
फालसई चश्में में ज्यों 
केशर मिला दी.
इन्द्रधनुषी रंग में 
चमकी 
चपल-चंचल किरण, 
एक चक्का लाल सा 
हौले से 
ऊपर को उठा,
कहते हैं......
'सूर्योदय' हुआ.

19 comments:

  1. बहुत सुन्दर शब्द चित्र...

    ReplyDelete
  2. वाह................
    अति सुन्दर.......

    ReplyDelete
  3. एक नए शुभ दिन का आरंभ हुआ ...

    ReplyDelete
  4. उगते सूरज को प्रणाम...खूबसूरत परिदृश्य खींचा है आपने...

    ReplyDelete
  5. सुन्दर.....भोर की एक नई शुरुवात..

    ReplyDelete
  6. वाह......
    सुप्रभात.....!!

    ReplyDelete
  7. मलाई सी सुबह .... बहुत कुछ करने का संदेशा लायी

    ReplyDelete
  8. बहुत ही खूबसूरत... वाकई एक सुंदर तस्वीर सा

    ReplyDelete
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति....मार्मिक अभिव्यक्ति बेहतरीन रचना....

    ReplyDelete
  10. वाह ... बहुत बढिया।

    ReplyDelete
  11. बहुत सुन्दर ..

    ReplyDelete
  12. बहुत सुंदर विवरण सूर्योदय का सुंदर कविता के माध्यम से. अद्भुत.

    ReplyDelete
  13. एक चक्का लाल सा हौले से ऊपर को उठा,
    कहते हैं सूर्योदय हुआ ।

    बहुत सुंदर वर्णन सूर्योदय का ।

    ReplyDelete
  14. बड़ा प्यारा शब्द चित्र ...

    ReplyDelete
  15. वाह! सूर्योदय और सूर्यास्त दोनो को सुंदर शब्दांजलि।

    ReplyDelete