Tuesday, February 12, 2013

सूरज की पहली किरण से........


सूरज की पहली किरण से
नहाकर तुम 
और 
गूँथकर चाँदनी को 
अपने
 बालों में ,मैं 
चलो स्वागत करें ,
ऋतु-वसंत का .......
आसमान की भुजाओं में 
थमा दें ,
पराग की झोली 
और 
दूर-दूर तक उड़ायें ,
मौसम का गुलाल.
रच लें 
हथेलियों पर ,
केशर की पंखुड़ियाँ,
बांध लें 
सांसों में,जवाकुसुम की 
मिठास ,सजा लें 
सपनों में 
गुलमोहर के चटकीले 
रंग ,
बिखेर लें कल्पनाओं में,
जूही की कलियाँ ......कि
 ऋतु-वसंत है .......
सूरज की पहली किरण से 
नहाकर तुम 
और 
गूँथकर चाँदनी को 
अपने 
बालों में, मैं 
चलो स्वागत करें.
हवाओं के आँचल पर 
खोल दें
ख्वाबों के पर ,
तरु-दल के स्पंदन से 
आकांछाओं के
जाल बुनें ,
झूम आयें गुलाब के 
गुच्छों पर,
नर्म पत्तों की 
महक से चलो, कुछ 
बात करें.
आसमानी उजालों में 
सोने की धूप 
छुयें,
मकरंद के पंखों से,
कलियों को 
जगायें....कि
ऋतु-वसंत है.......
सूरज की पहली किरण से 
नहाकर तुम 
और 
गूँथकर चाँदनी को 
अपने 
बालों में, मैं 
चलो स्वागत करें.
  

20 comments:

  1. गूँथकर चाँदनी को
    अपने
    बालों में, मैं
    चलो स्वागत करें.......beautifullllllllllllllllllllllllllllllllllllllllllllll


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  2. ऋतुराज बसंत का भव्य स्वागत...सुन्दर रचना!

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  3. सुन्दर रचना............गूँथकर चाँदनी को
    अपने
    बालों में ,मैं
    चलो स्वागत करें ,
    ऋतु-वसंत का .......

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  4. कविता बहुत सुंदर है पर बहुत छोटे फॉन्ट हैं, पढ़ने में कुछ असुविधा होती है..

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  5. सुंदर अभिव्यक्ति ,,,

    आप कृपया बड़े फॉण्ट में लिखे पढने में परेशानी होती है,,,

    RECENT POST... नवगीत,

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  6. आपकी बात बात फूलों की ...।वसन्त सी ही सुन्दर कविता ।

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  7. सूरज की पहली किरण से
    नहाकर तुम
    और
    गूँथकर चाँदनी को
    अपने
    बालों में, मैं
    चलो स्वागत करें.

    बहुत सुंदर स्वागत बसंत का ...

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  8. वाह वाह मृदुला जी ! मन खिल उठा ! वसंत के स्वागत के लिए बड़ी मनभावन तैयारी की है आपने ! बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  9. बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति .बसन्त पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब संवैधानिक मर्यादा का पालन करें कैग

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  10. वाह ... बहुत खूब

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  11. वसन्त सी ही सुन्दर कविता ।

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  12. बसंत सी खिली सुंदर कविता ...!!

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  13. वसंत का स्वागत... सुन्दर भाव, शुभकामनाएँ.

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