Sunday, February 9, 2014

कि ऋतु वसंत है .......

रच लें हथेलियों पर
केसर की पखुड़ियाँ.....
बाँध लें साँसों में
जवाकुसुम की
मिठास.....
सजा लें सपनों में
गुलमोहर के
चटकीले रंग……
बिखेर लें
कल्पनाओं में
जूही की कलियाँ......
कि ऋतु वसंत है .......

12 comments:

  1. रंग बिरंगे फूलों का मौसम ऋतु वसंत मनभावन…
    सुन्दर !!

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  2. बात फूलों की रात फूलों की
    अब चली है बारात फूलों की

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  3. भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
    आशा

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  4. कुसुमित अभिव्यक्ति ...!!बहुत सुंदर ...!!

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  5. खूबसूरत अभिव्यक्ति...

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  6. लाजबाब,बेहतरीन अभिव्यक्ति .!

    RECENT POST -: पिता

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  7. भावो का सुन्दर समायोजन......

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  8. बहुत दिनों के बाद आपके पोस्ट पर आया हूं। प्रस्तुति काफी अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट "सपनों की भी उम्र होती है",पर आपका इंतजार रहेगा।

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  9. बढ़िया स्वागत वसंत का ....

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