Sunday, March 13, 2011

मेरे एख्तियारों को ज़हन.....

मेरे एख्तियारों को ज़हन(दिमाग) 
मेरे तिश्नगी(प्यास) को
मुकाम दे,
मैं गुम्बदे-बे-दर(खुला आसमान)
फ़रेफ्ता(मुग्ध)
वज्दे-ज़ौक(आनंद की मस्ती)
इकराम(कृपा)दे.
वो बलायें जिनका
यकीन था,
एतराफ़(स्वीकृती)
नामंज़ूर कर
कि अहद-ए-ग़ुल(फूलों का ज़माना)
मंज़रों(दृश्य) का
सिलसिला
कायम रहे.

35 comments:

  1. खुबसूरत अर्चना हो गई!!

    शानदार हैं हर पंक्ति!!

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  2. लगता हे अब हमे भी उर्दू सीखनी ही पडेगी... बहुत सुंदर रचना, लेकिन पढने मे बहुत समय लगा, धन्यवाद

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  3. मेरे एख्तियारों को ज़हन(दिमाग)
    मेरे तिश्नगी(प्यास) को
    मुकाम दे,

    बहुत सुंदर ...... ऐसा ही हो

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  4. कि अहद-ए-ग़ुल(फूलों का ज़माना)
    मंज़रों(दृश्य) का
    सिलसिला
    कायम रहे.
    Aameen!

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  5. माशा-अल्लाह...

    नज़्म भी खूबसूरत...

    ज़ज्बात भी खूबसूरत...

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  6. बहुत बढ़िया...

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  7. तिश्नगी को मुकाम मिलने ने खवाहिश , बहुत सुन्दर मुबारकवाद कबुल करें

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  8. ahad e gul manzar kayam rahein , suner nazm hai mridula ji

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  9. खूबसूरत ...अर्थ न दिए होते तो कुछ भी समझ नहीं आता :)

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  10. आदरणीया मृदुला प्रधान जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    वो बलायें जिनका
    यकीन था,
    एतराफ़ नामंज़ूर कर
    कि अहद-ए-ग़ुल मंज़रों का
    सिलसिला कायम रहे …


    बहुत ख़ूबसूरत नज़्म है …
    पढ़ कर दिली मसर्रत हुई । भरपूर मुबारकबाद !

    आपका बेहतरीन अंदाज़ में उर्दू लफ़्ज़ों के साथ नज़्म कहना मुझे हैरत में भी डाल रहा है …

    # आपकी किताबें कैसे उपलब्ध हो सकेंगी मुझे ?

    होली की अग्रिम शुभकामनाओं सहित

    चंद रोज़ पहले आ'कर गए
    विश्व महिला दिवस की हार्दिक बधाई !
    शुभकामनाएं !!
    मंगलकामनाएं !!!

    ♥मां पत्नी बेटी बहन;देवियां हैं,चरणों पर शीश धरो!♥



    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  11. बहुत सुंदर .....बेहतरीन अंदाज़...

    सिलसिला
    कायम रहे.......

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  12. sach kahun.....
    waise to aapne har shabd ka arth bata diya..
    lekin arth jaan kar fir padhna...andar tak nahi ja paya...
    beshak ek achchhi kriti hai!

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  13. क्या कहने हैं इस मज़म के ... कुछ अलग अंदाज़ में लिखा है आज आपने ..

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  14. हर एक पंक्तियाँ बहुत सुन्दर हैं! उम्दा प्रस्तुती!

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  15. कविता अपना प्रभाव छोड़ रही है

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  16. उर्दू की चाशनी में डुबा कर दिल की हसरतों को आपने बयां किया शुक्रिया, शुक्रिया !

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  17. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति ।।

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  18. कि अहद-ए-गुल
    मंजरों का
    सिलसिला
    कायम रहे '
    .........ऐसा ही हो |

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  19. बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....कुछ नया पढने को मिला बहुत अच्छा लगा. शुक्रिया !

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  20. कि अहद-ए-गुल
    मंजरों का
    सिलसिला
    कायम रहे '


    बहुत ही सुन्दर रचना, आभार

    होली के पावन पर्व की अग्रिम शुभकामनाएं

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  21. आदरणीया मृदुलाजी होली की शुभकामनाएं |अच्छी नज्म बधाई |

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  22. Mrudula jee kitani khalis urdu likhtee hain aap . par prarthana sunder hai. aapke arth ne bahut madad kee.

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  23. आदरणीया मृदुला प्रधान जी
    नमस्कार !
    ...........बहुत बढ़िया प्रस्तुति

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  24. कई दिनों व्यस्त होने के कारण  ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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  25. बहुत खूबसूरत रचना। बधाई।

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  26. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  27. .

    कि अहद-ए-ग़ुल
    मंज़रों का
    सिलसिला
    कायम रहे....

    आमीन !

    .

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  28. @ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
    मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
    हा हा हा sss हा हा हा हा ssss

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  29. आपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  30. बेहतरीन!
    आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.

    सादर

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