मैथिली में ..
इ दिल्ली छैक
एतय ठामे-ठामे
इतिहासक पृष्ठ
खुजल भेटत..
चाँदनी चौक,जामा मस्जिद
लाल किला
जंतर-मंतर, राज घाट
मजनूँ के टिला..
अमीर खुसरो, हजरत निज़ामुद्दीन के
दरगाह
बिड़ला मन्दिर, हुमायूँ टुंब
क़ुतुब मिनार वाह !..
बड़का लोग
छोटका लोग
दर्जे-दर्जे
मिडिल क्लास..
रंग-रंग के
क्रीड़ा-कौतुक
डेगे-डेगे
उमंग-उल्लास ..
इ दिल्ली छैक
सर्वोच्च सिंघासन पर बैसल
देशक
राजधानी ..
आँखि फोईज क
देखैत चलू
बुझबैत चलू
जिज्ञासा ..
नाना रंग पोशाक
पहिरने
भाँति-भाँति के
भाषा .
दिल्ली की बात निराली , शान निराली ,
ReplyDeleteयूँ कहते हैं कि दिल्ली दिल वालों की लेकिन बड़े बेमुरव्वत होते हैं दिल्ली वाले वैसे अब तो हम भी दिल्ली वाले ही हैं ।
अपनी रचना में पूरी दिल्ली घूमा दी ।
जी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (१०-०८ -२०२२ ) को 'हल्की-सी सीलन'( चर्चा अंक-४५१७) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
वाह! सुंदर चित्रण दिल्ली का।
ReplyDeleteवाह बहुत नीक रचना
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