Monday, August 8, 2022

मैथिली में ..

 मैथिली में ..


इ दिल्ली छैक

एतय ठामे-ठामे

इतिहासक पृष्ठ

खुजल भेटत..


चाँदनी चौक,जामा मस्जिद

लाल किला

जंतर-मंतर, राज घाट 

मजनूँ के टिला..


अमीर खुसरो, हजरत निज़ामुद्दीन के 

दरगाह

बिड़ला मन्दिर, हुमायूँ टुंब

क़ुतुब मिनार वाह !..


बड़का लोग

छोटका  लोग

दर्जे-दर्जे 

मिडिल क्लास..


रंग-रंग के 

क्रीड़ा-कौतुक 

डेगे-डेगे

उमंग-उल्लास ..


इ दिल्ली छैक

सर्वोच्च सिंघासन पर बैसल 

देशक 

राजधानी ..


आँखि फोईज क 

देखैत चलू

बुझबैत चलू 

जिज्ञासा ..


नाना रंग पोशाक 

पहिरने 

भाँति-भाँति के 

भाषा .

4 comments:

  1. दिल्ली की बात निराली , शान निराली ,
    यूँ कहते हैं कि दिल्ली दिल वालों की लेकिन बड़े बेमुरव्वत होते हैं दिल्ली वाले वैसे अब तो हम भी दिल्ली वाले ही हैं ।
    अपनी रचना में पूरी दिल्ली घूमा दी ।

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (१०-०८ -२०२२ ) को 'हल्की-सी सीलन'( चर्चा अंक-४५१७) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  3. वाह! सुंदर चित्रण दिल्ली का।

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  4. वाह बहुत नीक रचना

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