अखबार के पन्नों का
खुल जाना.......
वो खुशबू भाप की
उठती हुई
चाय के प्यालों से……
पराठों की वो प्लेटें
सब्जियाँ सूखी - करीवाली ,
करारे से पकौड़े
और भागम- भाग
वो भगदड़ ……
घड़ी की दौड़ती सूइयों से
उठते शोर की
हलचल
वो जल्दी से भरा जाना
' टिफिन '
' मिल्टन ' के डब्बों में .......
तुम्हारी याद का आना
वो मेरा दिल
बहल जाना .......
सचमुच मीठी यादें दिल को बहलातीं हैं .सुबह के दैनिक कार्यकलापों का अच्छा चित्र .
ReplyDeleteसुंदर शब्दचित्र..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कविता
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