मैं अपनी पलकों पर
तुम्हारे
इशारों के जाल
बुनता हूँ......
तुम्हारे
ख्वाबों की उड़ान में
साथ-साथ
उड़ता हूँ.......
सहेजता हूँ तुम्हारी
मिठास,
मन के कोने-कोने में
कि.....मैं तुम्हें
बेहद प्यार करता हूँ..........
तुम्हारे
इशारों के जाल
बुनता हूँ......
तुम्हारे
ख्वाबों की उड़ान में
साथ-साथ
उड़ता हूँ.......
सहेजता हूँ तुम्हारी
मिठास,
मन के कोने-कोने में
कि.....मैं तुम्हें
बेहद प्यार करता हूँ..........
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति .....मन आह्लादित कर रही है ....
ReplyDeleteआपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (17.01.2014) को " सपनों को मत रोको (चर्चा -1495)" पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है,धन्यबाद।
ReplyDeleteपुरुष मन की प्रेमाभिव्यक्ति!!
ReplyDeleteसुन्दर...
ReplyDeletesundar...pyar say bhari rachna
ReplyDeleteवाह बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteप्रीत का सुंदर इजहार
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