Seven poetry books have been published in hindi ."phursat ke chanon men","gulmohar se rajnigandha tak","ye raha gulab","pili sarson" and"chalo kuchh baat karen", " dhadkanon ki tarzumani" and ‘ चौकलेट ‘.
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अच्छा लगता है कभी...
ReplyDeleteयूँ अकेले हो जाना !!
:-)
और आप में बसा वो प्रभु जो रचना का सृजन करवाता है आपसे ऐसे ही पलों में ....!!
ReplyDeleteसुंदर एहसास ....
सुंदर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST -: आप इतना यहाँ पर न इतराइये.
अति-सुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteसुंदर एहसास ....सुंदर प्रस्तुति...
ReplyDeleteक्या बात कही है दीदी!! बहुत मुख़्तसर सी मानीख़ेज़ नज़्म!!
ReplyDeleteकितना अच्छा लगता कभी खुद से खुद का हो जाना
ReplyDeleteओर हर परछाईं में अतीत छिपा है
ReplyDeleteसुंदर शब्द चित्र
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